June 11, 2023 7:17 am

गांधीगीरी से समाज की मुख्यधारा से जोड़े जा रहे भटके युवा, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरू की मुहिम

Delhi Police

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– फोटो : सोशल मीडिया

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भटककर आतंकवाद के रास्ते पर चलने वाले नौजवानों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए दिल्ली पुलिस ने पहल शुरू की है। इसके तहत पुलिस आतंकवाद के रास्ते पर चलने वाले युवाओं को कानून से नहीं, बल्कि गांधीगीरी से समाज की मुख्यधारा से फिर से जोड़ रही है। 

केंद्रीय गृहमंत्रालय से आदेश मिलने के बाद स्पेशल सेल ने ऐसे युवकों के लिए इंटरफेथ-इंटरफेस कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत वरिष्ठ मनोचिकित्सकों व धर्मगुरुओं से काउंसलिंग करवाई जाती है। अब तक करीब 25 युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा चुका है। ये लोग अब अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। 

आतंकवाद पर लंबे समय से काम कर रहे स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान, उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन सोशल मीडिया व अन्य तरीकों से भारत के युवाओं पर नजर रखते हैं। 

सरकार, समाज व अन्य कारणों से खफा युवकों को ये अपने जाल में फंसा लेते हैं। ये युवाओं को कट्टरपंथी बनाते हैं और फिर पैसे का लालच और समाज व धर्म के लिए कुछ करने की कट्टरता भरकर उन्हें आतंकवाद की राह पर धकेलते हैं। जब युवा पूरी तरह कट्टरपंथी हो जाता है आईएसआई व आतंकी संगठन उनसे भारत में आतंकी वारदात करवाते हैं।

देश के गृहमंत्रालय ने एक अध्ययन के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को इस वर्ष की शुरूआत में आदेश दिया है कि कट्टरपंथी युवाओं को कानून से नहीं बल्कि प्यार से आतंकवाद की रहा से लौटाकर फिर से समाज की मुख्य धारा में जोड़ा जाए। गृहमंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।  

आतंकी वारदातों के लिए बैंक लूटने का प्रयास 

राजस्थान व महाराष्ट्र के रहने वाले तीन युवक बहुत ही ज्यादा कट्टरपंथी बन गए। ये आतंकी वारदातों लिए फंड जुटा रहे थे। स्पेशल सेल ने इन तीनों युवक बुलडाना, महाराष्ट्र निवासी एवेजी (21, बदला हुआ नाम), सौहेब (22, बदला हुआ नाम) और शाकिर(22, बदला हुआ नाम) को दिल्ली से 19 सितंबर, 2022 को पकड़ा था। एवेजी के तीन व्हाट्सएप ग्रुप थे। करीब एक वर्ष पहले एक  मुजाहिद ने एवेजी को नेशनल एत्तिहाद मंच समूह से जोड़ा था। वह करीब चार महीने पहले एक ग्रुप के वसीम नाम के व्यक्ति के संपर्क में आया। वसीम अत्यधिक कट्टरपंथी व्यक्ति था। बाद में वसीम को आतंकवादी गतिविधियों में धन का उपयोग करने के लिए बैंक लूटने का प्रस्ताव दिया।  

कानून का कम किया जाता है इस्तेमाल

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सेल आतंकवाद की राह पर चलने वाले युवाओं को पकड़ती है। अगर युवा ने कोई अपराध नहीं किया और वह कट्टरता की राह पर चल दिया है तो उसकी मनोचिकित्सक व धर्मगुरुओं से काउंसलिंग कराई जाती है। हाल ही में स्पेशल सेल ने कट्टरपंथी होकर आतंकवाद की ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान जा रहे तीन युवाओं को दिल्ली से पकड़ा था। इनके पास से हथियार मिले थे। पुलिस इनके खिलाफ सिर्फ आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया है। आतंकवाद विरोधी रोकथाम अधिनियम(यूएपीए) के तहत मामला दर्ज नहीं किया। इनकी काउंसलिंग कराई। अब ये लोग अब समाज की मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं।

400 से ज्यादा प्रतिभागियों ने मुहिम की सराहना की

स्पेशल सेल ने युवाओं को कट्टरता से दूर करने के लिए और धार्मिक विद्वानों और विभिन्न समुदायों के प्रमुख व्यक्तियों से बातचीत करने के लिए 20 फरवरी, 23 को सत्यसाई सभागार, लोधी रोड पर इंटरफेथ-इंटरफेस कार्यक्रम आयोजित किया था।  इसमें प्रोफेसर (डॉ.) जीएस बाजपेयी, राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पंजाब के कुलपति, डॉ. रजत मित्रा, क्लीनिकल साइकोलॉजी के प्रोफेसर, एमिटी यूनिवर्सिटी और डॉ. सुधीर कुमार सुथार, सहायक प्रोफेसर, राजनीतिक अध्ययन केंद्र स्कूल साइंस, जेएनयू समेत 400 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया।  

देखा जाता है कि जेहाद किस लेवल का है : डाॅ. मित्रा

मनोचिकित्सक डॉक्टर रजत मित्रा का कहना है कि युवाओं को कट्टरता से दूर करने के कई लेवल होते है। ये देखा जाता है कि युवक जेहाद के किस स्तर तक पहुंच गया है। ये भी देखते है कि काउंसलिंग के जरिए वह जेहाद से वापस आ सकता है या नहीं। कट्टरता दूर करने केे 6 से 10 सेशन होते हैं। उनका ब्रेन बॉश किया जाता है। इस स्थिति में आकर युवक अपने को पीडि़त मानने लग जाता है। स्पेशल सेल ने अच्छी मुहिम शुरू की है।  ‘

मौलाना की काउंसलिंग  से सुधरे तीन युवा

मौलाना अब्दुल वाहिद कासमी ने बताया कि स्पेशल सेल ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल महाराष्ट्र के तीन लड़कों को अजमेर से पकड़ा था। तीनों ही भटककर गलत रास्ते पर आ गए थे। पुलिस तीनों को लोधी कालोनी के दफ्तर ले आई। सभी को राह दिखाने के लिए पुलिस ने उलेमा और धर्मगुरु का सहारा लिया। काउंसलिंग के बाद तीनों ने दोबारा ऐसे रास्ते पर चलने से तौबा कर ली।

इंटरफेथ-इंटरफेस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते 

हुए विशेष पुलिस आयुक्त ने ऐसे इंटरैक्टव कार्यक्रमों 

की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम आगे भी किए जाते रहेंगे। पुलिस की मुहिम से कट्टरता की राह पर चलने वाले कई युवक वापस लौटे हैं। -एचजीएस धालीवाल, स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त

इसलिए जिहाद के रास्ते चल देते हैं युवक…

  • किसी कारण से हीन भावना से ग्रसित हो जाना
  • उसके व धर्म के खिलाफ गलत होने की भावना
  • मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति न होना
  • मुजाहिद फायदा उठाकर और भड़काते हैं
  • भटके युवाओं को करते हैं टॉरगेट
  • जरूरतें पूरी कर बना लेते हैं मुरीद

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