जानिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर किसानों के प्रदर्शन को 46 दिन पूरे हो गए है। जिस दौरान सोमवार को किसानों की मांगो को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार की फटकार लगाई और कहा कि प्रदर्शन में किसानों की मौतें हो रही है, ऐसे में सरकार अभी इन कानूनों पर रोक लगाए या फिर अदालत ही आदेश जारी करे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस ए बोबडे का कहना है कि हम नए कानूनों को लागू नही होने देगें हम प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अगर कानून पर रोक लगा दी जाती है तो क्या किसान प्रदर्शन स्थल से अपने घर को लौट जाएंगे?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के मुद्दों के समाधान के लिेए कमेटी बने जिस दौरान किसान अपनी परेशानी कमेटी को ही बताएंगे कानून के अमल पर रोक लगे। इस पर जिसे दलील पेश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय को अब कमेटी के हाथ में सौंपने का फैसला लिया है, हमारे लिए लोगों का हित जरूरी है, अब कमेटी ही बताएगी कि कानून लोगों के हित में हैं या नहीं। आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने अब सरकार और किसानों से कुछ नाम देने को कहा है जिससे कमेटी में उन लोगो को शामिल कर सकें। मामलें की आगे की सुनवाई मंगलवार को की जाएगी।

गौरतलब सरकार और किसानों की मांग किसी भी नतीजे तक नही पहुंची है। जिस दौरान बारिश, ठंड व घने कोहरे का सामना कर रहे किसान अभी भी अपनी मांगो पर अड़े है। जारी प्रदर्शन के तहत किसान और सरकार के बीच 9 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई परिणाम नही निकला।
आपको बता दे किसान और सरकार की अगली बैठक 15 जनवरी को होना तय हुई है। अपनी मांगो को लेकर क्रोध से भरे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 12 जनवरी को हजारों किसानों की एंट्री दिल्ली की सीमा पर होगी तथा 13 जनवरी को लागू नए कानूनों की कापी जलाकर लोहड़ी मनाएगें और अपने प्रदर्शन को जारी रखेंगे। सरकार का कहना है कि नए कानून लागू होने से किसानों का ही फायदा है लेकिन दूसरी और किसानों का कहना है कि नए कानूनों से जो फायदा हमें मिलने वाला है हमें वो नही चाहिए हमें अपने हाल पर छोड़ दों और काले कानूनों को रद्ध कर दो।