SC में याचिका दायर कर दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने की मांग

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्धारा जारी प्रदर्शन का आज 45वां दिन है। इतनी ठंड, शीतलहर, बारिश व कोहरे का सामना कर रहे किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नही है। किसानों के जारी प्रदर्शन के बीच शुक्रवार को किसान और सरकार के बीच 9वें दौर की बैठक हुई थी लेकिन बैठक बेनतीजा रही। जिस दौरान अगली वार्ता 15 जनवरी को होना तय की गई। इस बीच दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को धरने के संबंध में याचिकाकर्ता ऋषभ शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट ने नया एफेडेविट दाखिल कर कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन व सड़क जाम होने की वजह से रोजाना 3500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और कच्चे माल की कीमत में 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को किसानों के साथ बातचीत खत्म होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत के दौरान किसान संगठनों द्वारा तीनों कानूनों को खत्म करने की उनकी मांग के अतिरिक्त कोई विकल्प प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण कोई फैसला नहीं हो सका। वही दूसरी और किसान संगठन से जुड़े नेताओं का कहना है कि कृषि कानून वापिस नहीं लिए जाने की स्थिति में किसान पूर्व की योजना के मुताबिक 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जब कोई कानून बनता है तो उसकी समीक्षा करने का अधिकार उच्चतम न्यायालय को दिया जाता है इस दौरान सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
तनमनजीत सिंह धेसी ने किसानों के मसले पर बोरिस जॉनसन को लिखी चिट्ठी

ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने बोरिस जॉनसन को किसानों के मसले पर चिट्ठी लिखी। लिखी गई चिट्ठी पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसानों के लिए चिंता जाहिर की है तथा बोरिस जॉनसन से अपील की है कि वे भारतीय प्रधानमंत्री से प्रदर्शनकारियों के मसले को लेकर बात करें। जिससें इतनी ठंड में प्रदर्शन करने वाले लोग भी गतिरोध खत्म कर अपने घर सुरक्षित लौटें। आपको बता दे कि तनमनजीत सिंह धेसी द्धारा लिखी गई चिट्ठी में 100 से अधिक सासंदो ने भी हस्ताक्षर किए।