रेलवे की नकली टिकट का शिकार होने से सावधान हो जाए :यात्री

नई दिल्ली। रेलवे अधिकारी का कहना है कि टिकट विंडो पर बेचे गए टिकटों से डाटा चुराकर दलाल उस टिकट की कॉपी बनाते हैं जिन्हे वे बाद में यात्रियों को बेच देते है। जिसके कारण नकली टिकटों के अधिक मामले देखने को मिले है मध्य रेलवे ने जून से नवंबर तक 428 नकली टिकटों के मामलों का खुलासा किया है।
रेलवे ने बताया कि दलाल असली टिकट की जानकारी हूबहू से लगने वाले पेपर पर प्रिंट करते हैं जिसमें PNR, ट्रेन और सीट का नंबर होता है। जिसमें केवल यात्री का नाम बदल दिया जाता है जिसके कारण दलालो द्धारा बेची गई नकली टिकट यात्री व असली टिकट के यात्रियों के बीच झगड़े की संभावना देखने को मिलती है। इस स्थिति में टीटी दोनों यात्रियों के झगड़े को शांत करके टिकट के अनुसार सीट के असली हकदार को तय करता है। जिस तहत नकली टिकट वाले यात्री से जुर्माना लेकर उसे ट्रेन से उतार दिया जाता है।
मध्य रेलवे की जांच टीम ने जून से नवंबर तक ऐसे 428 नकली टिकटों के मामलों का खुलासा किया है जिसमें दलालो ने’सीनियर सिटीजन कोटे’ की टिकट को स्कैन करके सॉफ्टवेयर की मदद से उम्र और नाम में बदलाव करके इनका कलर प्रिंटआउट निकाल लिया और यह नकली टिकट यात्रियों को बेच दिया।