सूरज से 3.6 करोड़ गुना बड़ा ब्लैक होल, जो गैलेक्सी को भी निगल सकता है

नई दिल्ली
 ब्रह्मांड में वैज्ञानिकों को अब तक का सबसे भारी ब्लैक होल मिला है, जिसने अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में हलचल मचा दी है. यह ब्लैक होल हमारी आकाशगंगा से करीब 5 अरब प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है और इसका भार हमारे सूर्य से 36 अरब गुना ज्यादा है. यह विशाल ब्लैक होल ‘कॉस्मिक हॉर्सशू’ नामक एक गैलेक्सी में स्थित है. यह गैलेक्सी अपनी जबरदस्त ग्रैविटी के लिए जानी जाती है, जो पीछे मौजूद रोशनी को मोड़ सकती है. इसी प्रक्रिया को ‘ग्रैविटेशनल लेंसिंग’ कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने इसी तकनीक की मदद से इस ब्लैक होल का वजन मापा.

कैसे नापा गया ब्लैक होल का वजन?

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के थॉमस कोलेट और उनकी टीम ने सबसे पहले उस स्पीड को नोट किया, जिस पर तारे ब्लैक होल के आसपास चक्कर लगा रहे थे. यह स्पीड ब्लैक होल की मास यानी भार पर निर्भर करती है. फिर उन्होंने देखा कि उसकी ग्रैविटी से रोशनी किस हद तक मुड़ रही है. दोनों आंकड़ों को मिलाकर उन्होंने इस ब्लैक होल की सही माप ली.

कोलेट कहते हैं, ‘यह शायद ब्रह्मांड का सबसे भारी ब्लैक होल है. एक अकेला बिंदु, जिसमें एक पूरी छोटी आकाशगंगा का भार समा जाए.’ उन्होंने बताया कि पहले जो मॉडल वो बना रहे थे, वो तब तक काम नहीं कर रहे थे जब तक उन्होंने ब्लैक होल का वजन असाधारण रूप से बढ़ा नहीं दिया.

यह गैलेक्सी शायद एक ‘फॉसिल ग्रुप’ गैलेक्सी है, यानी ऐसी गैलेक्सी जिसने अपने आसपास की सभी छोटी गैलेक्सी को निगल लिया हो. इससे यह भी समझ आता है कि ब्लैक होल इतना बड़ा क्यों हो गया.

हालांकि, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब यह ब्लैक होल निष्क्रिय हो चुका है. कोलेट कहते हैं, ‘अगर यह इतना बड़ा हो सका, तो इसका मतलब है कि यह ब्रह्मांड की शुरुआत से ही पदार्थ को निगल रहा था. लेकिन अब यह एकदम शांत हो गया है. सवाल यह है कि ऐसा क्या हुआ जिसने इसे अचानक रोक दिया?’

क्यों चौंका रही खोज?

इस खोज ने न सिर्फ ब्लैक होल के आकार और विकास को लेकर पुराने वैज्ञानिक सिद्धांतों को चुनौती दी है, बल्कि यह भी दिखाया है कि ब्रह्मांड में अभी भी कई ऐसे रहस्य हैं, जो हमारी समझ से बाहर हैं. ब्लैक होल की इस खोज से आने वाले समय में अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा पूरी तरह बदल सकती है. क्योंकि अगर एक ब्लैक होल इतना बड़ा हो सकता है, तो ब्रह्मांड में और क्या-क्या छिपा है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है.

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Author: Editor

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