दिल्ली पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। दिल्ली पुलिस ने गुजरात, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में संचालित एक संदिग्ध नवजात शिशु तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इसके दौरान एक नवजात बच्चे को भी बचाया हैं। पकडे गए आरोपियों की शिनाख्त 30 साल की यास्मीन, 36 साल की अंजलि और 47 साल के जितेन्द्र के रूप में हुई हैं।
दरअसल,बताया जा रहा हैं एक गुप्त सूचना पर कार्यवाही करते हुए,दिल्ली पुलिस की एक टीम ने 20 दिनों से अधिक समय तक एक अभियान चलाया था। जिसमे संदिग्धों से जुड़े हुए 20 से अधिक फोन नंबरो का विश्लेषण भी शामिल था। गिरफ्तार किए हुए आरोपियों को 8 अप्रैल को उत्तम नगर के इलाके से पकड़ा गया था। जब वह नवजात शिशु को एक बंद कार में छोड़ कर चले गए थे।
सूत्रों के अनुसार,यह गिरोह गुजरात और राजस्थान के गरीब परिवारों को निशाना बनता था। इसके बाद यह गिरोह दिल्ली एनसीआर के अमीर व निःसंतान जोड़ो को बेच देता था। यह गिरोह एक बच्चे के बदले 5 से 10 लाख रूपये लेता था। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की और बताया कि,गिरफ्तार आरोपियों के गिरोह का मुख्य लीडर सरोज हैं जिसके निर्देश पर यह आरोपी काम करते थे। हालांकि वह फरार हैं।
पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित सिंह ने एक बयान में कहा, ‘अंजलि का इसी तरह के अपराधों में शामिल होने का इतिहास रह चुका है। उसे पहले सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने मानव तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया था।’ फिलहाल बचाए गए शिशु को देखभाल के लिए रखा गया हैं। साथ ही पुलिस उसके माता-पिता का पता लगाने का प्रयास कर रही हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया हैं और इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी हैं।