स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली के लाल किले में सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है। सोमवार को एक डमी बस बिना रोकटोक के लाल किले में प्रवेश कर गई, जबकि वहां तैनात पुलिसकर्मी सोते रह गए। इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजा बांठिया ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ड्यूटी पर तैनात सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
बाद में पता चला कि यह घटना पुलिस का एक अभ्यास था, जिसमें स्पेशल सेल की टीम ने डमी बस का उपयोग करके किले की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की। इस अभ्यास का उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था की जांच करना था, लेकिन इतनी आसानी से लाल किला के भीतर पहुंच जाना सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि सुरक्षा जांच 15 अगस्त से पहले सुरक्षा इंतजामों की जांच के लिए की गई थी। उन्होंने लाल किला की सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को तत्काल सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर नए सिरे से प्लानिंग करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, सुरक्षा घेराबंदी को और चाक-चौबंद करने के लिए कहा गया है और फिलहाल वहां पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।
इस घटना के अलावा, लाल किले की सुरक्षा जांच के दौरान ही पांच बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। पुलिस ने उनके कब्जे से फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए और उन्हें डिटेंशन सेंटर भेज दिया। इनको वापस बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
लाल किले की सुरक्षा में चूक को गंभीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासन ने लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व के दौरान सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती है, इसलिए पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए कदम उठा रहा है।