नेपाल के 19 नागरिकों के साथ 70 लाख की धोखाधड़ी, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

नेपाल के 19 नागरिकों को सर्बिया में आकर्षक नौकरी का लालच देकर 70 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। ठगों ने फर्जी वीजा, नियुक्ति पत्र और दो साल का अनुबंध पत्र भेजकर भरोसा जीता। पीड़ितों को दिल्ली के IGI हवाई अड्डे से विदेश भेजने के लिए पहाड़गंज के एक होटल में ठहराया गया, लेकिन बार-बार बहाने बनाकर टाला गया। आखिरकार, पीड़ितों ने दिल्ली क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज की, जिसके बाद जांच में मुख्य आरोपी जैकब (41) को गिरफ्तार कर लिया गया।

सुजान खड़का (22), जो नेपाल के निवासी हैं, ने 22 अगस्त को क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज की। उन्होंने बताया कि पिछले साल नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जगजीत नगर में ‘जॉब एंड वीजा’ नामक कार्यालय में जैकब से मुलाकात हुई थी। जैकब ने सर्बिया में उच्च वेतन वाली नौकरी दिलाने का वादा किया। उसके प्रस्ताव से प्रभावित होकर 19 युवकों ने टोकन मनी के रूप में 10 लाख रुपये उसे सौंप दिए।

कुछ समय बाद, जैकब ने सभी को नियुक्ति पत्र और वीजा की स्कैन कॉपी भेजी, जिससे पीड़ितों का विश्वास और बढ़ गया। इसके बाद, उसने सभी से अपने पासपोर्ट भेजने को कहा ताकि वीजा और नियुक्ति पत्र की प्रक्रिया पूरी की जा सके। इसके लिए उसने 3500 यूरो (लगभग 11,06,60,280 नेपाली रुपये या 70 लाख भारतीय रुपये) की मांग की। यह राशि क्यूआर कोड के माध्यम से भेज दी गई। जैकब ने वट्सऐप के जरिए एक कंपनी का नियुक्ति पत्र भेजा, जिसमें दो साल के अनुबंध के साथ 500 सर्बियाई दिनार का वेतन ऑफर था। साथ ही, 7 अप्रैल 2025 को जारी फर्जी वीजा की कॉपी भी दी गई। सभी को सर्बिया के लिए उड़ान भरने के लिए दिल्ली बुलाया गया।

जब पीड़ित जैकब के जगजीत नगर स्थित कार्यालय पहुंचे और अपने पासपोर्ट व राशि वापस मांगी, तो उसने साफ मना कर दिया। इस दौरान, पीड़ितों को एक महीने से अधिक समय तक पहाड़गंज के होटल में ठहरना पड़ा, जिसमें उनके 10 लाख नेपाली रुपये और खर्च हो गए। बाद में पता चला कि यह एक फर्जी नौकरी और वीजा रैकेट था, जिसने कई लोगों को ठगा है। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद मुख्य आरोपी जैकब को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 13 पीड़ितों के पासपोर्ट बरामद किए गए। पुलिस अब उसके अन्य साथियों की तलाश में जुटी है।

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Author: Office Desk

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