दिल्ली मेट्रो में अगले दो माह से टोकन का चलन पुराना हो जायेगा। सभी लाइनों पर जुलाई से क्यूआर टिकट सिस्टम शुरू हो जाएगा। इसके लिए मेट्रो कुछ लाइनों पर ट्रायल कर रही है। मेट्रो प्रशासन ने इसे सभी लाइनों में लागू करने के लिए जुलाई की समय सीमा तय की है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने यात्रियों को सभी लाइन पर ऑनलाइन टिकट की सुविधा मुहैया करने के लिए बुनियादी तैयारी पूरी कर ली है। शुरुआत में सभी स्टेशनों पर एक-दो गेट पर ही क्यूआर और इसके बाद रुपे कार्ड से सफर की सुविधा मिलने लगेगी।
नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) के तहत क्यूआर टिकट, रुपे कार्ड, क्रेडिट और डेबिट और स्मार्ट कार्ड से सफर की सुविधा देने के लिए डीएमआरसी ने एएफसी गेट के साथ-साथ सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को भी अपग्रेड किया है।
क्यूआर कोड के बाद टिकट के दूसरे विकल्पों को भी लागू करने के लिए जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं। रुपे कार्ड के लिए बैंकों से बातचीत के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसके बाद यात्रियों को ऐसे सभी कार्ड सहित सफर के लिए मोबाइल से भी टिकट खरीदने की सुविधा होगी।
टिकट स्कैन करने में यात्रियों को लग रहा है समय
फिलहाल यात्रियों को एएफसी गेट पर क्यूआर कोड स्कैन करने में थोड़ा वक्त लग रहा है। इसके लिए कोड को शीशे की तरफ कर स्कैन करना पड़ता है। कई बार इसमें वक्त लगने से एक लाइन में यात्रियों की संख्या बढ़ने लगती है। लेकिन डीएमआरसी के मुताबिक शुरुआती दौर होने की वजह से थोड़ा वक्त लग रहा है, बाद में सामान्य हो जाएगा।
यात्रा खत्म होने तक क्यूआर टिकट को संभालकर रखना है जरूरी
क्यूआर कोड पेपर में होता है, इसलिए इसे पूरी यात्रा के दौरान संभालकर रखना जरूरी है। अगर सफर में यह कहीं से फट या गुम हो जाए तो यात्रियों को स्टेशन पर दिक्कत हो सकती है। यह पेट्रोल की पर्ची की तरह होती है जिसे संभालकर रखना बेहद जरूरी है। इसके गुम होने पर टिकट के लिए अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ेगा।