पुरी के जगन्नाथ मंदिर में एक ऐसी सीढ़ी है, जिस पर पैर रखना वर्जित माना जाता है। यह सीढ़ी भगवान जगन्नाथ के मंदिर की तीसरी सीढ़ी है, जिसे यम शिला भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस सीढ़ी पर भगवान विष्णु के चरण पड़े थे, इसलिए इसे पवित्र माना जाता है।
यमराज से जुड़ी कथा
एक कथा के अनुसार, यमराज ने भगवान जगन्नाथ से कहा था कि जो भी इस मंदिर में दर्शन करेगा, वह कभी यमलोक नहीं जाएगा। भगवान जगन्नाथ ने यमराज के लिए तीसरी सीढ़ी को विशेष स्थान दिया और इसे यम शिला घोषित किया। कहा जाता है कि इस सीढ़ी पर पैर रखने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं, लेकिन अगर कोई श्रद्धालु या पुजारी इस सीढ़ी पर पैर रख देता है, तो उसे मृत्यु लोक जाना पड़ता है।
नियम और इसका महत्व
इसीलिए, मंदिर का नियम बना दिया गया कि कोई भी श्रद्धालु या पुजारी तीसरी सीढ़ी पर पैर नहीं रखेगा। यह नियम भक्तों की रक्षा और उनकी आत्मा की मुक्ति के लिए बनाया गया है। भगवान जगन्नाथ के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मुक्ति मिलती है।
मंदिर की विशेषता
पुरी का जगन्नाथ मंदिर न केवल अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके साथ जुड़े अनेक रहस्य भी लोगों को आश्चर्यचकित करते हैं। मंदिर में कुल 22 सीढ़ियां हैं, लेकिन तीसरी सीढ़ी का विशेष महत्व है। इस मंदिर में हर वर्ष आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं।