इंदिरापुरम। कोतवाली क्षेत्र में धर्म छिपाकर सगी बहनों से दोस्ती कर धर्मांतरण का दबाव बनाने के आरोप में शुक्रवार को इंदिरापुरम पुलिस ने युवतियों के भी बयान दर्ज किये। वहीं, दंपती ने भी मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई से इनकार किया है। इसके बाद पुलिस ने युवक को जेल नहीं भेजा।
मूलरूप से बागपत के बड़ौत में रहने वाले दंपती की छोटी बेटी की जान पहचान कम्पनी में एक युवक से हुई थी। दोनों के बीच बातचीत के बाद घर आना-जाना शुरू हुआ। महिला का आरोप था कि कुछ साल पहले दो बेटी और युवक उन्हें जबरदस्ती गांव ले गया। वहां पुश्तैनी मकान 17 लाख रुपये में बिकवा दिया। खाते में पैसे जमा होने के कुछ दिनों बाद वह बैंक गई तो वहां सिर्फ तीन लाख रुपये बैलेंस देखकर होश उड़ गए थे।
डीसीपी ट्रांस हिंडन जोन विवेक चंद्र का कहना है कि दोनों युवतियों के बयान दर्ज किए गए। उसमें दोनों ने कहा कि युवक का नाम और धर्म सही है। पूर्व से ही परिवार के लोगों को उसके बारे में जानकारी थी। धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने की कोई घटना नहीं है। पारिवारिक कलह और परेशान करने की वजह से मां और पिता ने तहरीर दी थी। उसके आधार पर आरोपी को जेल नहीं भेजा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।