बादल फटना एक प्राकृतिक घटना है जिसमें एक निश्चित समय में अत्यधिक बारिश होती है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह घटना तब होती है जब पानी से भरे बादल एक निश्चित स्थान पर रुक जाते हैं और उनमें मौजूद पानी की बूंदें एक साथ आ जाती हैं। इसके कारण बादलों का घनत्व बढ़ जाता है और भारी बारिश होती है।
बादल फटने की घटना पहाड़ी इलाकों में अधिक होती है क्योंकि पहाड़ों की ऊंचाई बादलों के रास्ते में बाड़ा बनती है और वे आगे नहीं बढ़ पाते हैं। पहाड़ों की तरफ बढ़ते ही बादल बारिश के रूप में बदलते हैं और इनकी डेंसिटी बहुत ज्यादा होने की वजह से बहुत तेज बारिश होती है।
बादल फटने के प्रभाव
बादल फटने से भारी नुकसान होता है, जैसे कि बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इससे जान-माल की हानि हो सकती है और घर, सड़कें, पुल आदि क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
बता दें, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बीते दिन अचानक बादल फट गया और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और दो लोग बह गए। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि बादल फटने की घटनाएं कितनी खतरनाक हो सकती हैं और इसके लिए हमें पहले से ही तैयार रहना चाहिए।