सुसाइड नोट लिख इंजीनियर ने दी जान

 

 

 

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटी से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ ग्रेनो वेस्ट की ऑनिक्स काउंटी सोसाइटी के फ्लैट में इंजीनियर अजीत राज चौधरी (36 )का शव सोमवार को लटका मिला। यह कदम उठाए जाने के दौरान इंजीनियर की पत्नी ड्यूटी पर गई हुई थी। पुलिस को मौके से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। इसमें वो बताते है की उनकी ज़िन्दगी ज़हर हो गई है और वह अपने कलंक को नहीं धो पाया। पुलिस पुरे मामले की जांच कर रही है।

आपको बता दें की एक दिन पहले ही नोएडा के इंजीनियर प्रशांत ने मेट्रो के आगे कूदकर खुदखुशी कर ली रही।

जानकारी के अनुसार यह पता चला की बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत ने बताया की अजित चौधरी कंपनी में आईटी इंजीनियर के तौर पर काम करते है और अपने परिवार के साथ सोसाइटी में रहते है।उनकी पत्नी भी एक कंपनी में जॉब करती है।

सोमवार को अजित का शव पंखे पर लटका मिला। अजित के भाई ने उसे फंदे से उतार कर अस्पताल पहुंचाया ,जहांउसे मृत घोषित कर दिया गया। अजित के भाई अमित ने पुलिस को बताया की सोमवार को भाई घर पर अकेला ही था।

शाम को जब उनकी पत्नी ड्यूटी से लौटी तो उन्होंने अजित के शव को पंखे से लटके हुए देखा। अजित की पत्नी ने अमित को सुचना दी। पुलिस,परिजन ने बात कर भी यह पता नहीं लगा पाई है की अजित ने अपने कलंक धोने आदि की बात क्यू लिखी है।

इंजीनियर अजीत ने सुसाइड नोट में लिखा है आप सब बहुत अच्छे थे, सबने मुझे प्यार और साथ दिया। हमेशा दुख रहेगा, जीते जी मैं आप सबके लिए कुछ न कर सका। हो सकता है मरने के बाद मेरी दुआ लग जाए। पाखी और विआंश तुम मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा रहे। पाखी बस तुम्हें स्ट्रांग रहना है, तुम्हें विआंश को अच्छा इंसान बनाना है।

मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा। वक्त सब ठीक कर देता है। मैंने सभी को बहुत दुख दिए। मैं सभी को खुश रखना चाहता था, मैं हार गया। मेरी भक्ति और शक्ति ने अब जवाब दे दिया है। मुझसे एक दिन भी काटना मुश्किल हो गया है। जिंदगी जहर सी लगने लगी है। क्या पता कलंक के हटने के बाद जिंदगी ढंग से शुरू हो जाए। विआंश कुछ पूछे तो बोल देना पापा बीमारी से चल बसे।

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