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राजधानी दिल्ली में लगातार आपराधिक मामले बढ़ते जा रहे रहे हालही में बीते रविवार को लोग जहा अपने घरो में खुशिया मना रहे थे। तभी राजधानी को शर्मशार कर देने का मामला सामने आया। क्या ये वही राजधानी है जहा रोज लोग सरकार के खिलाफ हाथो में पार्टी का झंडा लेकर सड़को पर आ जाते है कभी संसद भवन जाने की बात करते है तो कभी अपनी आवाज बुलंद करने के लिए लाऊड स्पीकर में ऊँची ऊँची नारे लगते है लेकिन क्या ये वह लोग है जो लड़कियों के साथ हुई बर्बरता पर खामोश है आखिर क्यों ?
- क्या दिल्ली जैसे शहरो में इंसान की इंसानिया मर चुकी है। या लोगो को डर लगता है किसी को रोकने से किसी को बोलने से किसी को टोकने से क्यों इस इंसानियत के बिच में एक आवाज को सरेआम बंद किया जा रहा था और लोग तमशबीन बने देख रहे थे ।
ये वही राजधानी है जो कईबार दागदार हुई है लेकिन इसको लेकर न कोई सख्त निर्देश न कोई कड़ी कर्यवाही ये वही दिल्ली है जहा एक निर्भयाकांड हुआ ये वही दिल्ली जहा श्रद्धा के 35 टुकड़े हुए ये वही
दिल्ली है जहा एक अंजलि को 13 km तक घसीटा गया। और फिर दिल्ली के काले कारनामो में एक और अपराध जुड़ गया जहा दसवीं में पढ़ने वाली साक्षी की चाकुओ से शरीर के ऊपर 40 वार 5 बार लात घुसे और पत्थर से नजाने कितने
बार एक दरिंदे की तरह साक्षी के उपर वार किया। क्या लड़की की गलती इतनी थी की उसने दोस्ती करने से मना कर दिया ? क्या उस लड़की की गलती इतनी थी की उसने एक लड़के का विरोध किया ? क्या जिस समाज की बात हम करते है उस समाज में कोई जिन्दादिल इंसान बचा है ? लगो आते रहे जाते रहे लेकिन किसी ने विरोध नहीं किया क्यों ? क्या एक लड़का चाकू दिखा कर डरा दिया इसलिए या लोगो को डर था अपने जान की क्या रास्ते से आते जाते लोगो की नजर तो पड़ी होगी या लोग आँख बंद करके जाते रहे। आखिर क्यों ?
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हालंकि दिल्ली पुलिस आरोपी साहिल खान को कस्टडी में लेने के बाद दिल्ली पुलिस तहकीकात में जुटी हुई है। साहिल के कुछ अपने भी उसके लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। वीडियो से बहुत कुछ साफ है लेकिन पुलिस मजबूत चार्जशीट तैयार करना चाहती है। बुधवार सुबह पुलिस साहिल को लेकर उस जगह पर गई, जहां उसने दो दिन पहले साक्षी पर चाकू से वार किए थे। पुलिस नाले और झाड़ियों में हत्या में इस्तेमाल चाकू ढूंढ रही है। अब तक साक्षी के दोस्त प्रवीण और भावना, भावना के दोस्त झबरू और नीतू के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। नीतू के घर में ही साक्षी रह रही थी। एसी मैकेनिक साहिल के बारे में पड़ोस के लोग बता रहे हैं कि वह काफी शर्मीले स्वभाव का था। वह अपने काम से काम रखता था। हालांकि उसके लड़ाई झगड़े के कारण ही परिवार को कॉलोनी बदलनी पड़ी थी। 20 साल का साहिल सोशल मीडिया पर हुक्का या शराब पीते दिखाई देता है। वह खुद को सिद्धू मूसेवाला का फैन बताता था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उसने स्कूल छोड़ दिया था और चरस-गांजा पीने लगा था।