मशहूर गायिका शारदा का निधन हो गया है। उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। गायिका कैंसर की बीमारी से पीड़ित थीं। 1960 और 1970 के दशक की मशहूर पार्श्व गायिका के चले जाने के बाद से इंडस्ट्री में गम का माहौल है। 1960 और 70 के दशक में वह सक्रिय रहीं और 1969 से लेकर 1972 तक फिल्मफेयर पुरस्कारों में उन्हें चार नामांकन प्राप्त हुए। जिसमें से उन्हें जहां प्यार मिले के ‘बात जरा है आपस की’ के लिये पुरस्कार प्राप्त भी हुआ। गायिका को 1966 में आई फिल्म सूरज में उनके गीत “तितली उड़ी” के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है।
उनका जन्म 25 जून 1945 में तमिलनाडु को हुआ था। हांलाकि उनके परिवार में गाने सुनने की इजाजत नहीं थी लेकिन रेडियो पर प्रसारित हिंदी गाने उन्हें बहुत अच्छे लगते थे। उनका परिवार तेहरान चला गया। वहां पर जिन पार्टियों में भारतीय आते थे, वह वहां हिंदी फिल्मों के गीत गाया करती थीं। एक बार की बात है पार्टी में राज कपूर आए थे, जिसमें गाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया। राज साहब ने जब गायिका का गाना सुना तो उनकी आवाज उन्हें बहुत अच्छी लगी। उन्हें मुंबई आकर उनसे मिलने के लिए कहा।
मुंबई जाकर गायिका राज कपूर से मिलीं, जिसके बाद राज ने उनकी मुलाकात शंकर जयकिशन से करवाई, जिन्होंने उनके लिए गानों की ट्रेनिंग की व्यवस्था की। गायिका ने गुरु जगन्नाथ प्रसाद और मुकेश से संगीत की शिक्षा ली। फिर उन्होंने ‘तितली उड़ी’ गाना गया, जिसके लिए उन्हें स्पेशल अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने ‘गुमनाम’, ‘अराउंड द वर्ल्ड’, ‘शतरंज’ जैसी फिल्मों में गीत गए। महज 20 गीत गाने के बाद फिल्म ‘जहां प्यार मिले’ के गीत ‘बात जरा है आपस की’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवाॅर्ड मिला।