हिमाचल में बारिश की तबाही ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हनोगी माता मंदिर के पास अचानक आई बाढ़ के कारण कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे को बदं कर दिया गया है। हाईवे के वैकल्पिक मार्ग को भी बंद कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश का कहर बरसा रहा है। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदिया – नाले उफान पर हैं। रामपुर, सोलन और हमीरपुर में बादल फटने की भी जानकारी है। राज्य के कई स्थानों पर मूसलाधार बारिश के कारण अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 10 लोग घायल हैं। 12 से ज्यादा गाड़िया बह गई हैं। 300 से ज्यादा जानवरों की मौत हो चुकी है। बारिश की इस तबाही में तीन करोड़ के नुकसान का अनुमान है। 124 सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिनमें 2 नेशनल हाईवे शामिल हैं। वहीं, हनोगी माता मंदिर के पास अचानक आई बाढ़ के कारण कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे को फिलहाल बदं कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार मंडी-जोगिंदर हाईवे भी बंद है। इन हाईवे से जाने वाले लोगों और पयर्टकों को सलाह दी गई है कि वे पहाड़ों से सटे सड़कों पर न रहें, क्योंकि भूस्खलन या चट्टान गिरने का खतरा अधिक है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, हाईवे आज खोला जा सकता है ताकि दोनों तरफ फंसे लोग वापस लौट जाएँ और पास के शहरों में रात भर रुकने के लिए जरूरी इंतजाम कर लें। मंडी के जिला उपायुक्त अरिंदर चौधरी ने बताया कि हनोगी के पास अचानक आई बाढ़ के कारण मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे यातायात के लिए बंद है। प्रशासन अलर्ट पर है। सभी अधिकारियों को स्थिति का प्रबंधन करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने बताया कि वाहनों की आवाजाही रोकने के आदेश जारी किए गए हैं। मंडी जिला पुलिस ने बताया कि पंडोह-मंडी नेशनल हाईवे पर चारमील से सातमील के बीच कई जगह भूस्खलन हुआ है, नेशनल हाईवे बंद है। नेशनल हाईवे को खुलने में अभी वक्त लग सकता है। पुलिस ने कहा कि कुल्लू से छोटे वाहन पंडोह से सुंदर नगर चंडीगढ़ से नेरचौक की ओर चैल चौक से होकर गुजरें।
प्रदेश में 42 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं और इन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। 90 के करीब ट्रांसफार्मर के खराब होने की सूचना है। रविवार सुबह से वर्षा और आसमानी बिजली के कड़कने के साथ भारी वर्षा का क्रम रुक-रुक कर जारी है।