इस्लामाबाद। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर मुश्किलों में घिर गए हैं। 6 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि रावलपिंडी में सेना के जनरल मुख्यालय पर 9 मई को अभूतपूर्व हमले के लिए छह मामलों में इमरान खान का नाम दर्ज किया गया है, जिसमें सख्त आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत तीन मामले शामिल हैं। सूत्रों के हवाले से बताया कि संयुक्त जांच दल सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले और मेट्रो स्टेशन पर आगजनी की घटना सहित सभी मामलों की जाँच कर रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया कि 70 वर्षीय इमरान खान के खिलाफ इनमें से तीन मामले 9 मई को, जबकि अन्य तीन 10 मई को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे। बता दें कि भ्रष्टाचार के एक मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से प्रधानमंत्री इमरान खान की नाटकीय गिरफ्तारी के बाद 9 मई को देश भर में हिंसा भड़की थी। हजारों लोग सड़क पर उतर आए थे, जिसके बाद खान की पार्टी मुश्किल में फंस गई है। पिछले साल अप्रैल में बेदखल होने के बाद से इमरान खान पर देश भर में लगभग 150 मामले हैं। वहीं, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद पीटीआई समर्थकों ने लाहौर में कोर कमांडर के घर पर भी हमला किया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसे शुरू में जिन्ना हाउस के नाम से जाना जाता था, जो कभी कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना का निवास हुआ करता था। इस हिंसा में 20 से अधिक नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया, जिसमें 10 से अधिक लोग मारे गए थे।