गाज़ियाबाद। राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह छह बजे हुए दर्दनाक हादसा हुआ है। हादसे में कार सवार छह लोगों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। बता दे कि मेरठ के इंचौली के धनपुर गांव से दो सगे भाइयों के परिवार के ये सदस्य खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए राजस्थान जा रहे थे। क्रासिंग रिपब्लिक क्षेत्र के बहरामपुर राहुल विहार पुल के पास यह हादसा उल्टी दिशा में आ रही बस से कार की आमने-सामने की टक्कर लग जाने से हुआ। शराब के नशे में धुत चालक बस को 70 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ा रहा था। वह गाजीपुर से करीब आठ किमी. उल्टी दिशा में चलाकर लाया था। चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बस के पहले ही 16 चालान कट चुके हैं। इनमें चार उल्टी दिशा में बस दौड़ाने के हैं।
100 की रफ्तार से चल रही महिंद्रा टीयूवी के हादसे में परखच्चे उड़ गए। शव निकालने के लिए गाड़ी को काटना पड़ा। हादसे में नरेंद्र (45), उनकी पत्नी अनीता (40), दो बेटे हिमांशु (12), दिपांशु (15), धर्मेंद्र की पत्नी बबीता (35) और बेटी वंशिका (सात) की मौत हो गई। धर्मेंद्र (40) और उनका बेटा कार्तिक (8) गंभीर रूप से घायल हैं।
नोएडा के सेक्टर-63 स्थित एसजेएम अस्पताल में भर्ती मेरठ एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में घायल हुए धर्मेंद्र ने बताया कि हमलोग भगवान के दर्शन के लिए मेरठ से निकले थे, आपस में बातचीत करते हुए जा रहे थे।
धर्मेंद्र व उनके आठ वर्षीय बेटे कार्तिक की हालत स्थिर है। मंगलवार सुबह मेरठ एक्सप्रेसवे पर बहरामपुर के पास गलत दिशा से आ रही बस व टीयूवी की टक्कर में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई। हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल हुए 38 वर्षीय धर्मेंद्र और आठ वर्षीय कार्तिक का इलाज एसजेएम अस्पताल में चल रहा है।
धर्मेंद्र के पैर और हाथ में फ्रैक्चर है, जबकि बेटे कार्तिक के सिर व शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोट आई है। दर्दनाक सड़क हादसे में हुई छह लोगों की मौत के बाद हादसे में बचे धर्मेंद्र सदमे में हैं जबकि उनका बेटा कार्तिक अभी आईसीयू में भर्ती है। धर्मेंद्र के सामने ही उनके भाई नरेंद्र का पूरा परिवार खत्म हो गया।
हादसे के बाद आँख खुलते ही धर्मेंद्र के सामने अपनों के शव खून से लथपथ पड़े मिले। धर्मेंद्र के भाई नरेंद्र का परिवार और उनकी पत्नी व बेटी उनकी आँखों के सामने मौन थे। वे उठाने का प्रयास करते रहे लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
परिजनों का कहना है कि इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। परिजनों का कहना है कि सभी मृतक एक ही परिवार के थे और वह खाटू श्याम जाने के लिए घर से निकले थे। अपनी बहन को लेने गुरुग्राम जा रहे थे। तभी मेरठ एक्सप्रेस वे पर हादसा हो गया। एसजेएम अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा कौल का कहना है कि दोनों घायलों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है और दोनों की हालत स्थिर है। आठ साल के कार्तिक के सामने ही उसके भाई-बहनों का साथ छूट गया और माँ का दुलार चला गया। हादसे के बाद वह बेहोश हो गया था। उपचार के दौरान उसके माथे पर करीब 18 टांके लगे है। इसके अलावा शरीर पर कई जगह चोट आई हैं। संभवत: कार्तिक को उसके भाई-बहन व माँ के जाने के बारे में जानकारी ही नहीं है।