दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने ऑटो व टैक्सियों के अलावा डीटीसी और क्लस्टर बसों में लगे पैनिक बटन का ऑडिट किया तो पूरे सिस्टम में कई अनियमितताएं मिलीं। ऑडिट के बाद आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पैनिक बटन दबाने से एक भी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम को नहीं मिली।
एसीबी ने कुछ बसों की पड़ताल की तो पता चला कि बसों में मौजूद वॉकी-टॉकी के साथ रेडियो सेट की कनेक्टिविटी लगभग शून्य थी। पैनिक बटन दबाने की सूरत में कश्मीरी स्थित कंट्रोल रूम को बस के ड्राइवर-कंडक्टर से संपर्क करना था। शिकायत की पुष्टि होन के बाद दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित कर पीड़ित तक मदद पहुंचानी थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) में पैनिक बटन अलार्म की निगरानी के लिए कोई नियंत्रण कक्ष संचालित नहीं किया जा रहा है। सीसीटीवी कंट्रोल रूम से भी निगरानी नहीं की जा रही है।
एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी देने का अनुरोध
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि परियोजना की विफलता से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। सरकारी अधिकारियों की ओर से भारी खामियां पाई गई हैं। एसीबी ने ऑडिट रिपोर्ट को उपराज्यपाल के अलावा सचिव सतर्कता निदेशालय को भी भेज दिया है। एसीबी ने सतर्कता निदेशालय को पत्र लिखकर मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी देने का अनुरोध किया है।