राजधानी में बुधवार को सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर कुछ इस कदर चला कि लोग बुरी तरह दहशत में आ गए। दंगे के पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर चलने लगे। इन वीडियो को देखकर लोगों की चिंता बढ़ गई। आलम यह था कि संवेदनशील उत्तर-पूर्वी दिल्ली और बाहरी जिले में सड़कों पर चहल-पहल भी कम हो गई। रिश्तेदारों ने भी एक-दूसरे को कॉल कर खैरियत लेना शुरू कर दिया।
वहीं, पुलिस अधिकारियों के पास भी दंगों को लेकर कई कॉल आने लगीं। हालात को देखते हुए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बयान जारी कर दंगे और बवाल की बात से इंकार किया। साथ ही, लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई। इसके अलावा जो लोग सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाह फैला रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। दरअसल, नूंह में बवाल के बाद राजधानी में अलर्ट जारी है। बुधवार को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने राजधानी में ं23 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था।
इसे लेकर मंगलवार से ही चर्चाएं जारी थीं। मंगलवार शाम से ही विरोध प्रदर्शन के दौरान बलवे की आशंका जाहिर कर मैसेज किए जा रहे थे। सोशल मीडिया पर एक समुदाय विशेष के लोग अपील कर रहे थे कि बुधवार को बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकलें। बुधवार सुबह होते ही उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर चौक, सीलमपुर, करावल नगर, शिव विहार, खजूरी, दयालपुर आदि जगहों पर सांप्रदायिक फसाद की अफवाह चलने लगी। कुछ शरारती लोगों ने पुरानी वीडियो डालकर दंगे की अफवाह फैलाई।
इससे लोग बुरी तरह दहशत में आ गए। अफवाहों के बाद जब पुलिस के पास बलवे से संबंधित कॉल आने लगीं तो उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त डॉक्टर जॉय टिर्की ने मीडिया के बयान जारी कर दंगे की बात से इंकार किया। इसको लेकर उपायुक्त ने ट्वीट में ऑल इज वेल भी लिखा।
वहीं, बाहरी दिल्ली में मुहर्रम के दिन हुए बवाल के बाद से भी लोग दहशत में थे। बुधवार को फिर दोबारा पुराने वीडियो डालकर हिंसा की बात की गई। इस पर बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने वीडियो पुराने की होने की बात कही। उन्होंने किसी भी हिंसा होने की बात से इंकार किया। दिल्ली के बाकी इलाकों से भी इसी तरह की खबरें आती रहीं। कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच पुलिस दिनभर लोगों को समझाने में जुटी रही।