नूंह हिंसा में आरोपियों की लगातार धरपकड़ जा रही है। नूंह पुलिस की एसआइटी टीम ने इमाम को हिंसा करवाने का जिम्मेदार मान उसके विरुद्ध नूंह सदर थाने में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने उसकी तलाश में जुट गई है। एसआइटी का कहना है कि इमाम ने दंगे के दिन मस्जिद के लाउडस्पीकर से अफवाह फैलाई थी कि धार्मिक यात्रा में शामिल लोग दुकानें लूट रहे हैं। उत्तरप्रदेश के मथुरा तथा अलीगढ़ जिले में आरोपित के संभावित ठिकानों पर छापे मारे गए। आरोपित हाथ नहीं लगा है। बताया जा रहा है कि वो लगातार ठिकाने बदल रहा है, लेकिन पुलिस पीछा कर रही है।
फजरू मियां नल्हड़ गांव में स्थित मोहम्मद पुरिया मस्जिद में इमाम है। 31 जुलाई को दोपहर करीब एक बजे नमाज पढ़ने के दौरान फजरू ने मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर से यह अफवाह फैलाई थी कि धार्मिक यात्रा में शामिल दूसरे समुदाय के लोग नल्हड़ मंदिर के पास स्थित मुस्लिम लोगों की दुकान लूट रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि फजरू द्वारा फैलाई गई अफवाह के बाद नल्हड़ गांव के मुस्लिम युवा इकट्ठा हुए और लूटपाट तथा वाहनों को आग लगाने लगे।
नल्हड़ ही नहीं खेड़ला, पडली, पल्ला, मेवली तथा समीप के अन्य गांव के मुस्लिम युवक एकत्र हो गए थे। इन युवकों ने ही नल्हड़ से सटी अरावली पहाड़ी पर चढ़कर इलाके में स्थित एक धार्मिक स्थल के अंदर छिपे लोगों पर पथराव किया तथा गोली चलाई थी। इसके बाद वारदात बढ़ती चली गई। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यहां सूचना देने वाला दूसरे गांव का एक व्यक्ति था। उसने पहले अपने गांव में मस्जिद से ऐलान कराया। उसके बाद उसने यहां मौलाना से यह अफवाह फैलवा दी, लेकिन इस बात का खुलासा तब होगा जब मौलाना को पकड़ा जाएगा। आरोपित की गिरफ्तारी के बाद ही हिंसक वारदात में उसकी भूमिका की जांच होगी।