मुंबई के अस्पताल में नृत्य-चिकित्सा ने लाई नई उम्मीद

मुंबई के बांद्रा स्थित एक निजी सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल के ओपीडी वार्ड में मरीजों और उनके परिजनों को एक अनूठा अनुभव प्राप्त हुआ। नृत्य-चिकित्सा पहल नृत्य-संजीवनी की संस्थापक अनन्या मिश्रा ने यहां एक विशेष नृत्य सत्र का आयोजन किया।

अनन्या, जो भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक के माध्यम से मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का कार्य कर रही हैं, ने इस सत्र में एक मनमोहक कथक प्रस्तुति दी। यह नृत्य उन्होंने अपनी गुरु, प्रख्यात कथक नृत्यांगना पद्मश्री कुमुदिनी लखिया से सीखा है।

सत्र के दौरान अनन्या ने कहा, “जैसे ही मैंने नृत्य शुरू किया, वार्ड का माहौल पूरी तरह बदल गया। वहां मौजूद लोगों की आंखों में उत्सुकता थी, और धीरे-धीरे एक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। यह अनुभव मेरे लिए भी उतना ही उपचारात्मक था जितना मरीजों के लिए।”

मरीजों ने इस सत्र को अविस्मरणीय बताया। एक मरीज, श्री रमेश पाटिल ने कहा, “मैं कई दिनों से तनाव और थकान महसूस कर रहा था। लेकिन इस नृत्य को देखकर मेरा मन हल्का हो गया। ऐसा लगा जैसे मेरी सारी चिंताएं कुछ पल के लिए गायब हो गईं।”

वहीं, एक अन्य परिजन, सुश्री प्रिया शिंदे ने सुझाव दिया, “ऐसे सत्र नियमित रूप से आयोजित होने चाहिए। यह न केवल मरीजों के लिए, बल्कि हम जैसे परिजनों के लिए भी मानसिक सुकून देता है।”

नृत्य-संजीवनी के माध्यम से अनन्या पारंपरिक भारतीय नृत्य को चिकित्सा के क्षेत्र से जोड़ रही हैं। उनका मानना है कि नृत्य केवल एक कला नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली माध्यम है जो मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक संतुलन और आत्मिक शांति को बढ़ावा दे सकता है। इस पहल के तहत वे भविष्य में और अधिक अस्पतालों में ऐसे सत्र आयोजित करने की योजना बना रही हैं।

Kajal Prajapati
Author: Kajal Prajapati

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