एलजी के फैसले पर वकीलों का गुस्सा, दो दिन ठप रहेंगे दिल्ली की निचली अदालतों के कामकाज

नई दिल्ली

दिल्ली की निचली अदालतों में अगले दो दिनों तक न्यायिक कार्य प्रभावित रहेगा. राजधानी के वकीलों ने उपराज्यपाल (LG) के उस फैसले के खिलाफ विरोध जताते हुए अदालतों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है, जिसके तहत पुलिस थानों से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाहियों की अनुमति दी गई है.

बुधवार को दिल्ली की सभी निचली अदालतों के बार एसोसिएशनों की ‘कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशंस’ की आपात बैठक हुई. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 22 और 23 अगस्त को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकील न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे. वकीलों का कहना है कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया और वकालत पेशे की गरिमा के खिलाफ है, इसलिए जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता, विरोध जारी रहेगा.

उपराज्यपाल की ओर से जारी किया गया था एक नोटिफिकेशन
दिल्ली की निचली अदालतों में 22 और 23 अगस्त को वकील न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेंगे. यह फैसला कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशंस ने बुधवार को आपात बैठक के बाद लिया.

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दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) ने 13 अगस्त को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें पुलिस थानों से ही पुलिसकर्मियों के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज करने की अनुमति दी गई थी. इसके लिए कुछ स्थान भी तय किए गए हैं. कमेटी का कहना है कि यह कदम न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है. इस फैसले का विरोध जताने के लिए 20 अगस्त को कमेटी ने दिल्ली के LG, केंद्रीय गृहमंत्री, केंद्रीय कानून मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था. कमेटी ने यह भी तर्क दिया है कि LG का नोटिफिकेशन, केंद्रीय गृह सचिव द्वारा 15 जुलाई 2024 को जारी सर्कुलर के विपरीत है.

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विवाद की वजह 13 अगस्त को उपराज्यपाल (LG) द्वारा जारी नोटिफिकेशन है, जिसमें पुलिस थानों से ही पुलिसकर्मियों के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज करने की अनुमति दी गई थी. जबकि केंद्रीय गृह सचिव के 15 जुलाई 2024 के सर्कुलर में स्पष्ट तौर पर पुलिस थानों में किसी भी प्रकार की गवाही से इनकार किया गया था.

कमेटी ने 20 अगस्त को LG, केंद्रीय गृहमंत्री, केंद्रीय कानून मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया था. पत्र में कहा गया था कि यह नोटिफिकेशन 48 घंटे के भीतर वापस लिया जाए, अन्यथा वकील आंदोलन करेंगे. लेकिन तय समय बीत जाने के बाद भी इस पर कोई विचार नहीं किया गया, जिसके चलते अब दो दिन का बहिष्कार किया जा रहा है.

कमेटी ने 20 अगस्त को LG, केंद्रीय गृहमंत्री, केंद्रीय कानून मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस आदेश को 48 घंटे के भीतर वापस लेने की मांग की थी. लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद वकीलों ने दो दिन तक बहिष्कार का ऐलान किया है. कमेटी ने सभी वकीलों से आह्वान किया है कि वे 22 और 23 अगस्त को न तो व्यक्तिगत रूप से और न ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसी भी कोर्ट में पेश हों. अब 23 अगस्त को कमेटी फिर बैठक कर इस मामले पर आगे की रणनीति और आंदोलन की रूपरेखा तय करेगी.

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