दीपावली के पहले से ही राजधानी दिल्ली की आबोहवा बिगड़ रही है। यहां पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता हुआ रिपोर्ट किया जा रहा है। रविवार को हवा की गुणवत्ता ‘पुअर’ क्वालिटी रही, राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 245 AQI दर्ज की गई। आनंद विहार के पास वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 345 दर्ज किया गया। हालांकि सोमवार को इसमें कुछ हद तक सुधार आया है।
सोमवार सुबह एयर क्वालिटी में सुधार हुआ और इसे मॉडरेट स्तर का दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 16 अक्टूबर की सुबह 7 बजे तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 199 था। इसी तरह, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में, नोएडा में औसत 24 घंटे का एक्यूआई 200 (मध्यम) श्रेणी में था, गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता 174 (मध्यम) और ग्रेटर नोएडा में 260 (खराब) दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस तरह की वायु गुणवत्ता कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
दिल्ली में अक्तूबर में ही बिगड़ी एयर क्वालिटी और इसके कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जानने के लिए हमने ग्रेटर नोएडा स्थित अस्पताल में श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ विश्वास सिन्हा से बातचीत की। डॉ विश्वास कहते हैं, पिछले कुछ वर्षों से दीपावली के बाद एयर क्वालिटी में गिरावट दर्ज की जाती रही है, इस बार दीपावली के पहले की ही रिपोर्ट्स काफी चिंता बढ़ाने वाली हैं।
वायु प्रदूषण का स्तर कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाला माना जाता है, जिसको लेकर सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। प्रदूषित हवा में मौजूद कण संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं।