दिल्ली। दिल्ली पुलिस की उत्तर-पश्चिम जिला साइबर शाखा ने दो साइबर ठगों को हिरासत में लिया है। ये लोग दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (डीएसआईडीसी) के नाम पर फर्जी प्लॉट आवंटन का लालच देकर लोगों से ठगी कर रहे थे। पुलिस ने इनके पास से अपराध में उपयोग किया गया एक मोबाइल फोन भी जब्त किया है।
आरोपियों की शिनाख्त
उपायुक्त भीष्म सिंह ने सोमवार को जानकारी दी कि पकड़े गए आरोपियों में राजू सिंह (38 वर्ष) और प्रियदर्शी उर्फ कपिल (40 वर्ष) शामिल हैं। इन दोनों ने शालीमार बाग के निवासी विजय चावला (55 वर्ष) को प्लॉट दिलाने का झूठा वादा करके 2.65 लाख रुपये की ठगी की। यह राशि एक ‘म्यूल अकाउंट’ के जरिए जमा कराई गई और बाद में एटीएम के माध्यम से निकाल ली गई।
पुलिस की कार्रवाई
इस मामले में 21 दिसंबर 2024 को एफआईआर नंबर 89/24 दर्ज की गई थी। इंस्पेक्टर दिनेश दहिया की अगुवाई और एसीपी राजीव कुमार की निगरानी में बनी विशेष टीम ने तकनीकी सबूतों और धन के लेन-देन (मनी ट्रेल) का विस्तृत विश्लेषण किया। निरंतर निगरानी और तकनीकी सर्विलांस के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को उनके ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान पता चला कि प्रियदर्शी ने राजू के नाम से फर्जी पहचान बनाकर बैंक खाता खोला और उस खाते का नियंत्रण अपने पास रखा। इसी खाते के जरिए ठगी की गई राशि हासिल की गई। पुलिस को आशंका है कि ये आरोपी अन्य ठगी के मामलों में भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने बताया कि जांच अभी जारी है और आरोपियों से अन्य पीड़ितों के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है।