कानपुर। कानपुर के काकादेव थाना क्षेत्र में गोल चौराहे से श्रम विभाग की ओर लगभग सौ मीटर की दूरी पर सोमवार शाम एक दुखद घटना ने सभी को झकझोर दिया। ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन स्कूल में नवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा ने रेलवे ट्रैक पर अपनी गर्दन रखकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। उसका सिर धड़ से अलग होने की खबर से आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रा के स्कूल बैग में रखी कॉपी पर लिखे पते के आधार पर परिजनों को सूचित किया। परिजनों के पहुंचते ही वहां चीख-पुकार मच गई।
छात्रा के माता-पिता का कहना है कि सोमवार को उनकी बेटी के स्कूल बैग में फूलों का गुलदस्ता और चॉकलेट मिलने पर शिक्षक ने उसे कक्षा में सबके सामने कथित तौर पर अपमानित किया और बुरी तरह डांटा। इस घटना से आहत होकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। हालांकि, स्कूल प्रबंधन ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है।
मृतक छात्रा संस्कृति आनंद (15) आवास विकास-एक, केशवपुरम निवासी प्राइवेट कर्मचारी मुकुल आनंद की बेटी थी। वह जवाहर नगर स्थित ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन स्कूल में पढ़ती थी। परिवार में उसकी मां साधना और बड़ा भाई अरनव है, जो गोपाल टावर के नजदीक एक कॉलेज में 11वीं कक्षा में पढ़ता है। परिजनों ने बताया कि संस्कृति को चित्रकला का बहुत शौक था। इसी वजह से वह सोमवार को अपने स्कूल बैग में गुलदस्ता और चॉकलेट लेकर गई थी। मां का आरोप है कि कक्षा में मौजूद शिक्षक ने इस बात पर उसे बच्चों के सामने फटकार लगाई और अपमानित किया। इसके बाद माता-पिता को स्कूल बुलाया गया।
स्कूल में माता-पिता के सामने भी उसे डांटा गया और पिता से शिकायत करने की धमकी दी गई। मां ने माफी मांगते हुए लिखित में पत्र दिया और फिर वहां से चली गईं। परिजनों का कहना है कि सबके सामने अपमानित होने की बात उनकी बेटी को अंदर तक चुभ गई। स्कूल की छुट्टी के बाद दोपहर 3:45 बजे वह स्कूल से निकली, लेकिन घर नहीं पहुंची। शाम करीब 5:30 बजे वह गोल चौराहे के पास रेलवे ट्रैक के सुनसान इलाके में पहुंची। वहां उसने अपना स्कूल बैग किनारे रखा और रेलवे पटरी पर अपनी गर्दन रख दी।
काकादेव थाने के प्रभारी राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि परिजनों ने अभी तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की है। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस ने जैसे ही परिजनों को घटना की सूचना दी, मां साधना के लिए मौके पर पहुंचना मुश्किल हो गया। घटनास्थल पर पहुंचते ही स्कूल यूनिफॉर्म में खून से सना शव और अलग हुआ सिर देखकर वह अचेत होकर कुछ पल के लिए वहीं गिर पड़ीं। पिता मुकुल आनंद अपने पिता राजेश आनंद को फोन पर सूचना देते हुए सिर पकड़कर रोने लगे। उनका कहना था कि वह सैलून के सामान की आपूर्ति का काम करके बड़ी मुश्किल से अपनी होनहार बेटी को अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे थे। उन्होंने कहा, “ये तुमने क्या कर डाला, बेटी?”
परिजनों ने स्कूल के शिक्षक को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया। दोपहर 3:45 बजे स्कूल छूटने के बाद जब संस्कृति रोज की तरह घर नहीं पहुंची, तो शाम पांच बजे परिजनों को चिंता होने लगी। वे उसे ढूंढने की तैयारी कर रहे थे, तभी पुलिस ने इस दुखद घटना की खबर दी। यह सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। चीखते-चिल्लाते हुए वे तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े।