Neet Supreme court hearing: हर साल 12वी के बाद डॉक्टर बनने की चाहत में स्टूडेंट्स NEET exam देते हैं। नीट की तैयारी में पूरे साल मेहनत करते हैं ताकि भविष्य में जाकर एक अच्छे डॉक्टर बन सके।पर इस साल हुए नीट के पेपर में धांधली की खबर ने हजारों बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया है । परिणाम देखने के बाद टॉपर्स की सूची और ग्रेस मार्क्स छात्रों को परेशान कर रहे है ।जिसके बाद भड़के छात्रों ने एनटीए को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि वह एनटीए की दलीलें भी सुनना चाहेंगे।
इस साल एनटीए द्वारा यह एग्जाम 5 मई को आयोजित किया गया जिसका परिणाम हमारे लोकसभा चुनाव के परिणाम वाले दिन यानी 4 जून को जारी किया गया था।
जो कि तय समय से एक हफ्ते पहले ही घोषित किया गया जिस पर भी सवाल उठ रहे है। दरअसल इस साल नीट एग्जाम का पर लीक होना साथ ही परिणामों पर कई कोचिंग सेंटर्स ने सवाल खड़े किए है जैसे एक ही कोचिंग के कई बच्चों के पूरे मार्क्स आना, ज्यादा ही ग्रेस मार्क्स देना। बता दें नीट टोटल मार्क्स 720 होता है। हर सवाल 4 अंक का होता है। गलत उत्तर के लिए 1 अंक कटता है। अगर किसी स्टूडेंट ने सभी सवाल सही किए तो उसे 720 में से 720 मिलेंगे। अगर एक सवाल का उत्तर नहीं दिया, तो 716 मिलेंगे। अगर एक सवाल गलत हो गया, तो उसे 715 मिलने चाहिए। लेकिन 718 या 719 कैसे मिल सकता है?
बताया जा रहा है कि इस रिजल्ट में 67 कैंडिडेट्स ने टॉप किया था।टॉप करने वाले 67 में से 44 को रिवाइज्ड आंसर-की और 6 को समय गंवाने के कारण NEET Compensatory Marks दिए गए। इनमें से ज्यादातर छात्रों को 100% अंक मिले जिनको लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो चुका है।
पेपर में गड़बड़ी का मामला सुप्रीम कोर्ट में जा चुका है। इस परीक्षा के बारे में अच्छी समझ रखने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस एग्जाम में इतने स्टूडेंट का ऐसे नंबर लाना संभव था। इस परीक्षा के खिलाफ दो याचिका हाई कोर्ट में और एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई।
इन याचिका में पेपर दोबारा से कराने की बात कही गई है।
नीट परीक्षा को लेकर एनटीए ने जांच कमेटी का गठन किया है। कमेटी एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट एजेंसी को सब्मिट करेगी, जिसके बाद एनटीए अपना अंतिम फैसला सुनाएगा ।
बता दें कि नीट परीक्षा का आयोजन 4750 सेंटर्स पर किया गया था, इनमें से 6 सेंटर ऐसे हैं, जिनमें गड़बड़ी सामनेआई है।