18वीं लोकसभा का सत्र आज से शुरू हो गया है। नई लोकसभा में कई नए बदलाव दिखेंगे। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि इस बार कम उम्र के सांसदों की संख्या बढ़ी है। पिछली बार लोकसभा की औसत आयु 59 साल रही थी जो इस बार थोड़ी घटकर 56 साल हो गई है।
18वीं लोकसभा के लिए सदन के नेता के रूप में हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिला रहे हैं। मोदी के बाद अमित शाह, राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान समेत सांसद शपथ ले रहे हैं।
इसके विपरीत नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के बीच इंडिया ब्लॉक ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने हमें तीसरी बार अवसर दिया है। हमारी जिम्मेदारी तीन गुना बढ़ गई है। इसलिए मैं देशवासियों को भरोसा देता हूं कि अपने तीसरे कार्यकाल में हम तीन गुना मेहनत करेंगे और तीन गुना परिणाम प्राप्त करेंगे।
हम लोगों को नाटक, हंगामा नहीं चाहिए। देश को नारे नहीं, substance चाहिए। देश को एक अच्छा विपक्ष चाहिए, एक जिम्मेदार विपक्ष चाहिए।
वहीं कांग्रेस सांसद के सुरेश ने मोदी सरकार पर लोकसभा की परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने लोकसभा की परंपरा का उल्लंघन किया है। अब तक परंपरा यह थी कि जो सांसद सबसे ज्यादा बार चुना जाएगा, वही प्रोटेम स्पीकर होगा।
यदि 18वीं लोकसभा के सांसदों के उम्र को देखें तो सबसे ज्यादा 166 सांसद 50-60 आयु वर्ग के हैं। जबकि 60-70 आयु वर्ग में 161, 40-50 में 110, 70-80 वर्ग में 52, 30-40 आयु वर्ग में 45, 20-30 में सात तथा 80+ में एक सांसद हैं। 64 फीसदी यानी 346 सांसद राष्ट्रीय दलों से चुनाव जीतकर आए हैं। राज्य स्तर के दलों के 179 सांसद चुनकर आए हैं 11 सांसद गैर मान्यता प्राप्त दलों के हैं तथा सात निर्दलीय हैं।
18वीं लोकसभा में इस बार 281 सांसद (52 फीसदी) ऐसे हैं, जो पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।