Indian wedding: भारत में हर शादी पर औसत खर्च, कमाई से तीन गुना ज्यादा

Marriage in India:देश भर में इस एक ही शादी की खूब चर्चा है।जिन कपल्स की शादी तो नही हुई पर दो बार शानदार प्रीवेडिंग चर्चा में रही है, वो है देश के सबसे अमीर परिवारों में से एक मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की।

देश में शादी बहुत बड़ा कारोबार बन चुका है यह अब 130 बिलियन डॉलर का हो चुका है। देश के कई लोग शादी के लिए विदेशों में जाते हैं। शादी के इतने बड़े व्यापार को देखते हुए प्रधानमन्त्री मोदी ने भी देश से बाहर जाकर शादी करने वालो से भारत में विवाह करने का आह्वान किया था और लोगों से विदेश के बजाय देश में विवाह करने का आग्रह किया था।

आज के समय में भारत देश विदेश में शादियों पर शानो शौकत दिखाने और खर्च के लिए भी जाना जाता है।

 

भारत में लोग शादियों पर करोड़ों रुपए लुटा रहे हैं।जिस कारण से भारत शादी ब्याह का बड़ा मार्केट बनता जा रहा है। इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है।

देश का हर परिवार औसतन शादी पर लगभग 12 लाख रुपये खर्च कर रहा है।इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री (Indian Wedding Industry) अब 130 अरब डॉलर का मार्केट बन चुकी है।यह फूड और ग्रॉसरी के बाद दूसरे नंबर की इंडस्ट्री हो चुकी है।

भारत में एक शादी पर औसत खर्च लगभग 14,500 डॉलर या 12 लाख रुपये है। यहां शादी पर प्रति व्यक्ति आय से 5 गुना खर्च किया जा रहा है। एक भारतीय जोड़ा शादी पर शिक्षा की तुलना में दोगुना खर्च कर रहा है।

वहीं ,अमेरिका में शादियों पर होने वाला खर्च शिक्षा पर होने वाला व्यय से आधा है।अमेरिका का वेडिंग मार्केट 70 अरब डॉलर और चीन का 170 अरब डॉलर है।

भारत में परिवारों की औसत आय 4 लाख रुपये सालाना है।इसके बावजूद वह अपनी औसत आय से तीन गुना शादियों पर खर्च कर रहे हैं।रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 80 लाख से एक करोड़ शादियां होती हैं।

यह आंकड़ा पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।शादियों के चलते ज्वेलरी, कपड़े, इवेंट मैनेजमेंट, कैटरिंग, ठहरने, यात्रा और एंटरटेनमेंट पर भी काफी पैसे खर्च किया जाता है। ज्वेलरी उद्योग में आधे से ज्यादा रेवेन्यू दुल्हन की ज्वेलरी की बिक्री से आ जाता है वही कपड़ों पर होने वाले कुल खर्च का 10% से ज्यादा हिस्सा शादियों और समझ में पहने जाने वाले कपड़ों से होता है।भारत में हो रहीं लग्जरी शादियों पर औसत से कहीं ज्यादा खर्च हो रहा है। 

 

Mehak Bharti
Author: Mehak Bharti

Leave a Comment