बांसवाड़ा/डूंगरपुर
बांसवाड़ा के समीपवर्ती डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाना क्षेत्र में चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए देवसोमनाथ निवासी दिलीप अहारी की पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे उदयपुर के महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय रेफर किया गया, जहां मंगलवार दोपहर उसने दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर अब बवाल मचा हुआ है।
धरने पर बैठे परिजन और ग्रामीण
युवक की मौत के बाद परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण पहले दोवड़ा थाने और फिर कलेक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि पुलिस की पिटाई से दिलीप की मौत हुई है। मृतक के परिवार और ग्रामीणों ने एक करोड़ रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और दोवड़ा थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है।
मंत्री, सांसद और विधायक पहुंचे, वार्ता विफल
घटना के बाद मंगलवार शाम को जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सांसद मन्नालाल रावत, विधायक गणेश घोघरा, उमेश डामोर, अनुतोष रोत सहित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि प्रशासन के साथ बातचीत में शामिल हुए। देर रात तक कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और एसपी मनीष कुमार ने वार्ता की, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। बुधवार शाम तक भी ग्रामीण कलेक्ट्री परिसर में डटे रहे।
पांच पुलिसकर्मी निलंबित
मामले की गंभीरता को देखते हुए डूंगरपुर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने कार्रवाई की है। दोवड़ा थानाधिकारी तेजकरण सिंह, सहायक पुलिस निरीक्षक वल्लभराम, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, कांस्टेबल पुष्पेंद्र सिंह और माधव सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन के बाद इनका मुख्यालय डूंगरपुर रिजर्व पुलिस लाइन में कर दिया गया है।