दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज हो गई है। चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत के आने वाला बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र पर दिल्ली की नजरें अटक जाती हैं। क्योकिं मुस्लिम बहुसंख्यक आबादी वाला यह बल्लीमारान इलाका कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जा रहा था। भाजपा ने लाख कोशिशों के बाद भी कामयाबी हासिल नहीं की। वहीं, आम आदमी पार्टी के आने के बाद आप ने कांग्रेस की सियासत को चुनौती दी और पिछले दो चुनावों न केवल जीत हासिल की, बल्कि कांग्रेस को तीसरे स्थान पर ला खड़ा किया।
यह बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र सन 1993 में अस्तित्व में आया। तब से लेकर अभी तक हुए सात चुनावों में कांग्रेस की तरफ से हर बार हारून युसूफ को उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मौदान में उतारा गया। इस बार भी कांग्रेस ने हारून युसूफ को ही मौदान में उतारा है। इस विधानसभा क्षेत्र से हारुन युसूफ लगातार पांच बार विधायक बन चुके है। साथ ही वह शीला दीक्षित सरकार में मंत्री भी रहें है। हालंकि, साल 2015 और साल 2020 के चुनावों मे वह तीसरे स्थान पर आ गए।
पिछले दो चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अपना दबदबा कायम किया। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार इमरान हुसैन ने दोनों बार जीत हासिल करने के साथ इन्हें अतिशी सरकार में मंत्री बनने का मौका भी मिला।
वहीं, इस बार भी आम आदमी पार्टी ने इमरान हुसैन पर दूबारा भरोसा जताया है। वहीं भाजपा ने अब तक इस क्षेत्र में जीत हासिल नहीं की है। हालांकि, छह बार भाजपा के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे और वहीं, साल 2003 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर चले गए थे।