साइबर अपराध से बचाव: डर, आलस्य और लालच सबसे बड़ी कमजोरी: विशेषज्ञ

भोपाल
प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) भोपाल और केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला के तकनीकी सत्र में विशेषज्ञ वक्ताओं ने साइबर अपराध और डिजिटल सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता साइबर कमांडो अनुज समाधिया ने "डिजिटल अरेस्ट एवं साइबर स्लेवरी" विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि साइबर अपराधियों की सबसे बड़ी ताकत डर, आलस्य और लालच हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर लोग बिना सोचे-समझे किसी भ्रामक संदेश, लिंक या कॉल पर प्रतिक्रिया कर देते हैं, जो उन्हें जाल में फंसा देता है। श्री समाधिया ने कहा—“किसी भी संदिग्ध संदेश या कॉल पर कार्रवाई करने से पहले ठहर कर उसकी वास्तविकता पर विचार करना चाहिए।”

बैंकिंग और वित्तीय लेन-देन में सावधानी जरूरी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सीनियर फैकल्टी अरुण पोनप्पन ने बैंकिंग एवं वित्तीय लेन-देन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ग्राहकों को कभी भी अपना ओटीपी, पासवर्ड या एटीएम कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। साथ ही, संदिग्ध लिंक या फर्जी कॉल से सतर्क रहना जरूरी है।

सोशल मीडिया पर फर्जी सूचनाओं से बचें
साइबर सुरक्षा प्रशिक्षक  अतुल श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली भ्रामक सूचनाओं और उनसे बचाव के उपायों पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज और गुमराह करने वाले संदेश बड़ी चुनौती हैं, जिन्हें साझा करने से पहले सत्यापन करना चाहिए।

पत्रकारों और मीडिया प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
कार्यशाला में बड़ी संख्या में पत्रकारों, मीडिया प्रतिनिधियों और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पीआईबी भोपाल के सहायक निदेशक अजय उपाध्याय ने किया। वहीं, सीबीसी भोपाल के उप निदेशक शारिक नूर ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर पीआईबी भोपाल के सहायक निदेशक समीर वर्मा, सीबीसी भोपाल के सहायक निदेशक पराग मांदले सहित अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।

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Author: Editor

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