दिल्ली के द्वारका इलाके में एक नाबालिग लड़की को देह व्यापार के रैकेट से मुक्त कराया गया है। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस और एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) की संयुक्त छापेमारी के बाद मंगलवार को की गई। NGO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
NGO की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पीड़िता 17 वर्षीय है और उसे लगभग डेढ़ साल पहले मानव तस्करों ने अपने जाल में फंसाया था। पीड़िता ने बताया कि उसे एक परिचित ने नौकरी और बेहतर जिंदगी का लालच देकर दिल्ली लाया था। बाद में उसे देह व्यापार में धकेल दिया गया और विरोध करने पर धमकियां दी गईं कि उसके निजी वीडियो सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।
NGO के कार्यकर्ताओं ने इस रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए करीब छह सप्ताह तक गुप्त रूप से काम किया। उन्होंने खुद को ग्राहक बनाकर इस गिरोह की गतिविधियों पर नजर रखी और पर्याप्त सबूत जुटाए। इसके बाद दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई, जिसके आधार पर द्वारका के मोहन गार्डन में एक फ्लैट पर छापेमारी की गई। इस दौरान नाबालिग लड़की को सुरक्षित बचा लिया गया और रैकेट के एक मुख्य सरगना को हिरासत में लिया गया।
पुलिस को छापेमारी के दौरान फ्लैट से कई आपत्तिजनक सामग्रियां मिलीं, जिनमें शराब की बोतलें, दवाइयां और अन्य संदिग्ध वस्तुएं शामिल हैं। इनसे संकेत मिलता है कि यह रैकेट लंबे समय से सक्रिय था और इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 143(4) के तहत मानव तस्करी का मामला दर्ज किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच जारी है और रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
NGO के वरिष्ठ निदेशक मनोज शर्मा ने बताया, “हमारी टीम ने इस मामले में बहुत सावधानी से काम किया। यह बेहद दुखद है कि इतने संगठित तरीके से नाबालिगों को इस दलदल में धकेला जा रहा है। हम पीड़िता को हर संभव सहायता देंगे, ताकि वह इस सदमे से उबर सके और नई जिंदगी शुरू कर सके।”
पीड़िता को अब एक सुरक्षित आश्रय स्थल पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां उसकी काउंसलिंग और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की गई है। NGO ने यह भी वादा किया है कि वे पीड़िता को कानूनी सहायता प्रदान करेंगे ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
इस घटना ने दिल्ली में मानव तस्करी और देह व्यापार के बढ़ते मामलों पर फिर से सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे रैकेट्स को खत्म करने के लिए पुलिस और सामाजिक संगठनों के बीच और बेहतर समन्वय की जरूरत है।