वेस्ट दिल्ली।
पुलिस को शांति,सेवा न्याय के लिए जाना जाता हैं।
लेकिन क्या हो जब वही रक्षक, भक्षक बन जाए और जिम्मेदारी निभाने की बजाय अपने पद का दुरुपयोग करने लग जाए। ताजा मामला राजधानी दिल्ली के साइबर थाना (पश्चिम), हरी नगर से सामने आया हैं। जहां दिल्ली पुलिस के दो पुलिसकर्मियों पर उगाही, रिश्वतखोरी और यौन उत्पीड़न का आरोप लगा हैं।
सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता महिला का कहना हैं कि सब-इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल ने मिलकर उसके पति को गिरफ्तार करने की धमकी दी व बदले में 2.5 लाख रुपयों की मांग भी की। महिला ने बताया कि दबाव में आकर उसके पति ने उधार लेकर पहले 1 लाख और बाद में 1.5 लाख रुपये पुलिसकर्मियो को दिए। शिकायतकर्ता महिला के मुताबिक, यही नहीं बल्कि यह भी कहा गया कि आरोपी कॉन्स्टेबल ने उससे निजी तौर पर कई बार यौन उत्पीड़न करने का भी प्रयास किया।
जिसके बाद इस मामले की सतर्कता से जांच की गई, जिसमे यह सभी आरोप सही पाए गए। विजिलेंस ब्यूरो ने प्राथमिक जांच के बाद पाया कि मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत यह मामला अपराध बनता है। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज किया गया हैं। इस मामले ने एक बार फिर से पुलिस की साख तथा कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया हैं।
आमतौर पर देखा जाए तो जनता पुलिसवालो से सुरक्षा की उम्मीद रखती हैं, परंतु आरोप हैं कि जिम्मेदारी निभाने के बजाय पुलिसकर्मियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया हैं। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया हैं, पुलिस अधिकारियो का कहना हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी क़ानूनी कार्रवाई होगी, साथ ही सेवा से भी बर्खास्त कर दिया जाएगा।