दिल्ली की राजधानी में साइबर पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। द्वारका जिले के साइबर थाने में दर्ज ठगी की 31 शिकायतों के आधार पर पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय एक हाई-प्रोफाइल एडमिशन फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो प्रतिष्ठित कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटे के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे। पकड़े गए आरोपियों की पहचान कुशाग्र श्रीवास्तव (35 वर्ष) और चिन्मय सिन्हा (32 वर्ष) के रूप में हुई है।
पुलिस ने इनके कब्जे से 1.34 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। जांच के दौरान यह सामने आया कि कुशाग्र ने बीटेक की डिग्री हासिल की है, जबकि चिन्मय ने बीकॉम पूरा किया है। दोनों को इंदिरापुरम में उनके अड्डे से हिरासत में लिया गया। इनके खिलाफ ठगी की कुल 31 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि दिल्ली पुलिस की महिला हेड कॉन्स्टेबल मुकेश ने 23 अगस्त को ठगी की शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में उन्होंने उल्लेख किया कि उनके पास एक एसएमएस आया था, जिसमें आईपी यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट कोटे के तहत दाखिला दिलाने का दावा किया गया था। डीसीपी के अनुसार, साइबर थाना पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की। जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह दिल्ली के नामी कॉलेजों के प्रवेश सलाहकार के रूप में खुद को पेश करता था और 12वीं पास करने वाले छात्रों के अभिभावकों को बल्क एसएमएस भेजकर अपने ठगी के जाल में फंसाता था।