दिल्ली।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने नेपाल के एक नागरिक को हिरासत में लिया है, जो भारतीय सिम कार्ड्स को पाकिस्तान भेजकर जासूसी गतिविधियों में सहायता कर रहा था।
खुफिया जानकारी के आधार पर, 28 अगस्त को पुलिस ने लक्ष्मी नगर के विजय ब्लॉक क्षेत्र से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति का नाम प्रभात कुमार चौरसिया है, जो नेपाल का निवासी है।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि प्रभात ने आधार कार्ड का उपयोग करके भारत में 16 सिम कार्ड खरीदे थे। इनमें से 11 सिम कार्ड पाकिस्तान के लाहौर, बहावलपुर और अन्य शहरों में व्हाट्सएप के जरिए संचालित किए जा रहे थे। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से डिजिटल उपकरण, संदिग्ध दस्तावेज और सिम कार्ड के पैकेट जब्त किए हैं। जांच में पता चला कि प्रभात 2024 में नेपाल के एक मध्यस्थ के माध्यम से ISI के संपर्क में आया था। उसे अमेरिकी वीजा और विदेश में पत्रकारिता के अवसरों का प्रलोभन दिया गया। इसके बदले में उसने भारतीय सेना और डीआरडीओ से संबंधित गोपनीय जानकारी इकट्ठा करने और सिम कार्ड्स की आपूर्ति करने का काम शुरू किया।
पुलिस के अनुसार, प्रभात महाराष्ट्र और बिहार से सिम कार्ड खरीदकर नेपाल भेजता था, जहां से उन्हें ISI के एजेंटों को सौंप दिया जाता था। इन सिम कार्ड्स का उपयोग पाकिस्तानी ऑपरेटिव भारतीय सैनिकों से संपर्क करने और संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए करते थे। पुलिस ने बताया कि प्रभात ने बिहार के मोतिहारी से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त की है और BSI IT के साथ-साथ कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग में डिप्लोमा भी किया है। वह पहले फार्मा कंपनियों में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और एरिया सेल्स मैनेजर के रूप में काम कर चुका है।
साल 2017 में प्रभात ने नेपाल में एक लॉजिस्टिक्स कंपनी शुरू की थी, लेकिन नुकसान के कारण उसे बंद करना पड़ा। आर्थिक परेशानियों और विदेश जाने की इच्छा के चलते वह ISI के जाल में फंस गया। दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ BNS की धारा 61(2) और 152 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब उसके नेटवर्क, सहयोगियों और विदेशी हैंडलर्स का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है।