भारत में बनेगी बिजली और सीमापार लगेगा झटका, पाकिस्तान को बूंद-बूंद के लिए तरसा सकते हैं 10 प्रोजेक्ट

नई दिल्ली
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को रोक दिया है। इस फैसले से ही पड़ोसी देश में चिंता की स्थिति है, लेकिन पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ाने के लिए सरकार अब ऐक्टिव भी हो गई है। सिंधु जल समझौते को रोकने का फैसला लेकर भारत सरकार ने डैम और पनबिजली परियोजनाएं बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। इस बीच सरकार ने संबंधित मंत्रालयों और विभागों के साथ मीटिंग की है और उन्हें कहा है कि जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में जिन हाइडल प्रोजेक्ट्स की योजना है, उनमें तेजी लाई जाए। इसके अलावा कई ऐसी परियोजनाओं को स्थापित करने पर जोर रहेगा, जिन पर मंथन चल रहा था, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हो पाया था।

इसके अलावा सरकार ने यह रिपोर्ट भी मांगी है कि ऐसी कौन सी परियोजनाएं हैं, जिन्हें तेजी से पूरा किया जा सकता है। फिलहाल सरकार करीब 10 नए प्रोजेक्ट्स को शॉर्ट लिस्ट किया है और उनका गहन अध्ययन किया जा रहा है। इनमें से 5 को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। यही नहीं करीब दो प्रोजेक्ट्स के लिए जल्दी ही टेंडर भी जारी करने की तैयारी है। झेलम नदी पर बने उरी-1 प्रोजेक्ट का विस्तार किया जा रहा है। इससे किशनगंगा नदी से आने वाले पानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके लिए अगले सप्ताह ही टेंडर जारी हो सकता है। इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी दो महीने पहले ही मिली थी और अब इसके काम में तेजी लाई जा रही है।

ऐसे ही कुछ और प्रोजेक्ट्स हैं, जिन पर तेजी से काम करने की तैयारी है। ये प्रोजेक्ट्स हैं- सिंध नाला पर न्यू गांदरबल प्रोजेक्ट, चेनाब नदी पर किरठाई-2, रामबन और उधमपुर जिले में भी दो प्रोजेक्ट्स की तैयारी है। इन सभी को मिलाकर कुल 3100 मेगा वॉट बिजली तैयार की जा सकती है। हालांकि इन सभी के लिए राज्य और केंद्र के स्तर पर कई मंजूरियां लेनी होती हैं, लेकिन सरकार का जो रुख है, उसमें कोई अड़चन आती नहीं दिख रही। यही नहीं सरकार ने कई मंत्रालयों और जम्मू-कश्मीर के विभागों को इस संबंध में कह भी दिया है कि तेजी से किसी भी मंजूरी को दिया जाए। कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए। कुछ प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं, जहां काम करना कठिन है क्योंकि वे दुर्गम इलाकों में हैं। इसके अलावा सुरक्षा की भी चिंताएं हैं। इस पर भी सरकार ने मीटिंग की है और सभी दिक्कतों को दूर करने की बात कही है।

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Author: Editor

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