पांचवी कक्षा के छात्र ने गेम्स खेलने के बाद उठाया खौफनाक कदम

बाहरी दिल्ली के निहाल विहार इलाके में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। एक मासूम पांचवीं कक्षा के छात्र ने चुन्नी से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस की प्रारंभिक तफ्तीश में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि मृतक बच्चा करीब 11 घंटे तक मोबाइल फोन पर गेम खेल रहा था। उसके फोन में पबजी जैसे खतरनाक गेम पाए गए हैं। इस दुखद घटना से परिजन सदमे में हैं और इलाके में सनसनी फैल गई है।

बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सचिन शर्मा ने बताया कि यह हृदयविदारक घटना अंबिका विहार, निहाल विहार में हुई। यहां लक्ष्मण खींची अपने छोटे बेटे सोनू (8 वर्ष) के साथ रहते थे। उनका बड़ा बेटा आगरा में पढ़ाई करता है। गुरुवार को लक्ष्मण अपनी पत्नी के साथ रोज की तरह काम पर गए थे, जबकि सोनू घर पर अकेला था। शाम को जब लक्ष्मण काम से लौटे, तो घर के बाहर लोगों की भीड़ देखकर उनका दिल बैठ गया। पड़ोसियों ने उन्हें बताया कि उनके नन्हे बेटे ने चुन्नी से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।

पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने सबसे पहले सोनू को फंदे पर लटका हुआ देखा। लक्ष्मण ने आशंका जताई कि उनके बेटे की हत्या कर उसे फंदे पर लटकाया गया हो। मगर पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि बच्चे के शरीर पर किसी भी प्रकार के चोट या निशान नहीं मिले। डीसीपी सचिन शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है।

पुलिस की जांच में पता चला कि माता-पिता ने सोनू को अलग से एक मोबाइल फोन दे रखा था। फोन में फ्री फायर मैक्स जैसे पबजी टाइप के गेम और यूट्यूब ऐप पाए गए। सूत्रों के मुताबिक, बच्चा रोजाना 8 से 11 घंटे तक मोबाइल पर गेम खेलता था। इन गेम्स में हथियार या अन्य सामग्री खरीदने के लिए असली पैसे खर्च करने पड़ते हैं। आशंका है कि सोनू ने गेम में ज्यादा पैसे खर्च कर दिए हों, जिससे वह तनाव में आ गया। हालांकि, लक्ष्मण का कहना है कि फोन में कोई रिचार्ज नहीं था।

डीसीपी सचिन शर्मा ने बताया कि बच्चे के मोबाइल फोन की गहन जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर क्या वजह थी कि इतने छोटे बच्चे ने इतना बड़ा कदम उठा लिया। इस घटना ने मोबाइल गेम्स की लत और बच्चों पर इसके दुष्प्रभाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।

Kajal Prajapati
Author: Kajal Prajapati

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