लखनऊ के बेहटा गांव में पटाखा विस्फोट: पुलिस जांच में हुए नए खुलासे

लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बेहटा गांव में अवैध पटाखा निर्माण की गंभीर समस्या सामने आई है। पुलिस के अनुसार, अब तक केवल तीन लोगों ने ही अपने लाइसेंस प्रस्तुत किए हैं, जबकि गांव के आधे से अधिक लोग बिना अनुमति के पटाखे बना रहे हैं। पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि कहीं लाइसेंस धारक अन्य लोगों से अवैध रूप से पटाखे तो नहीं बनवा रहे। साथ ही, यह भी जांचा जा रहा है कि कोई बाहरी व्यक्ति ठेके पर पटाखा निर्माण तो नहीं करवा रहा। ग्रामीणों का कहना है कि बेहटा गांव बारूद के ढेर पर बसा है, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है। गुडंबा पुलिस ने विस्फोट के मामले में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

रविवार को बेहटा गांव में आलम के घर में हुए भीषण पटाखा विस्फोट ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। इस हादसे में आलम (50) और उनकी पत्नी मुन्नी (48) की मौत हो गई। आसपास के कई मकानों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं और कुछ घर पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए। इस हादसे में छह लोग घायल हुए। उसी दिन शाम करीब 6:30 बजे, लगभग एक किलोमीटर दूर सेमरा भुइयां मंदिर के पास एक कमरे में रखे गए पटाखों में विस्फोट हुआ, जिसकी आवाज चार किलोमीटर तक सुनाई दी। इस घटना से बेहटा और आसपास के गांवों में भय का माहौल व्याप्त हो गया।

सोमवार को डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह, एडीसीपी पूर्वी पंकज, एसीपी अनिग्ध विक्रम सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी अंशुल मित्तल, नायब तहसीलदार आकाश पांडेय और बम निरोधक दस्ता जांच के लिए बेहटा गांव पहुंचा। पुलिस ने कई टीमें गठित कर गांव में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान नसीम, शेरू और अली अकबर के ठिकानों पर छापेमारी की गई, जहां भारी मात्रा में बारूद और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। गुडंबा पुलिस ने तीनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है।

विस्फोट से अमरसंडा गांव, बाराबंकी के निवासी ई-रिक्शा चालक महबूब का घर पूरी तरह नष्ट हो गया। महबूब ने बताया कि तीन साल पहले उन्होंने टिन शेड के साथ घर बनाया था और पत्नी शाहीन फातिमा व तीन बच्चों के साथ रहने लगे थे। एक साल बाद वे बाराबंकी चले गए और घर मो. अजीज को किराए पर दे दिया। महबूब ने भावुक होकर कहा कि अगर घर की छत पूरी हो जाती, तो वे गांव नहीं जाते और शायद उनका पूरा परिवार इस हादसे का शिकार हो जाता।

मो. अजीज ने बताया कि उनकी बेटी हूरजहां (25), जो इमरान की पत्नी है, के सिर में 20 टांके आए हैं और उनकी हालत स्थिर नहीं है। विस्फोट से उनका घर मलबे में बदल गया। सात लोगों का परिवार हादसे के बाद से भूखा है और रात तिरपाल के नीचे गुजारनी पड़ी। सोमवार दोपहर उन्होंने बाजार से केले खरीदकर खाए।

रविवार शाम को सेमरा भुइयां मंदिर के पास हुए दूसरे विस्फोट में मिश्रपुर डिपो निवासी मुन्नू की गाय की मौत हो गई और उनकी भैंस गंभीर रूप से घायल हो गई। मुन्नू ने बताया कि शेरू के गोदाम के बाहर उनकी भैंस का बच्चा बैठा था, जो विस्फोट में उड़कर सौ मीटर दूर जा गिरा और उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार धमाकों के बाद कुछ पटाखा व्यवसायियों ने बारूद और विस्फोटक सामग्री सड़कों पर फेंक दी, जिससे गांव में और डर फैल गया।

ग्रामीणों के अनुसार, यासीन, बारिस और अफजल के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस है, लेकिन गांव के आधे से अधिक लोग अवैध रूप से पटाखे बना रहे हैं। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या लाइसेंस धारक दूसरों से पटाखे बनवा रहे हैं। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या कोई बाहरी व्यक्ति बारूद और अन्य सामग्री उपलब्ध कराकर अवैध निर्माण करवा रहा है। पुलिस की जांच का मुख्य फोकस यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में बारूद गांव में कैसे पहुंच रहा है।

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Author: Office Desk

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