उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में प्यार ने धर्म की दीवारों को ढहा दिया। यहां पढ़ुआ थाना क्षेत्र की दो सगी बहनों ने अपने दिल की बात को प्राथमिकता देते हुए दूसरे समुदाय के युवकों के साथ विवाह रचा लिया।
दरअसल, रविवार की रात को पढ़ुआ थाना क्षेत्र के बैरिया गांव में दो बहनें अचानक अपने प्रेमियों के घर जा पहुंचीं। दोनों ने अपने-अपने प्रेमी के साथ शादी करने की जिद पकड़ ली, जिसे देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। परिजनों ने उन्हें समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन बहनें अपनी बात पर अडिग रहीं। इसके बाद गांव में पंचायत बुलाई गई, जहां दोनों प्रेमिकाओं की शादी कराने पर सहमति बनी। फिर मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ दोनों का विवाह संपन्न हुआ।
ग्रामीणों के अनुसार, जासमीन और रुखसाना नाम की इन बहनों के प्रेम संबंध गांव के ही एक परिवार के दो भाइयों, रामप्रवेश और सर्वेश, के साथ थे। रविवार की देर रात जब दोनों बहनें चुपके से अपने प्रेमियों के घर पहुंचीं, तो गांव में हलचल मच गई। पंचायत के माध्यम से मामले को सुलझाने का प्रयास हुआ, लेकिन शुरू में सहमति न बनने से कुछ तनाव भी उत्पन्न हुआ। हालांकि, मामला ज्यादा नहीं बिगड़ा।
इस दौरान युवतियों की उम्र को लेकर भी सवाल उठे, लेकिन उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों और आधार कार्ड की जांच के बाद दोनों के बालिग होने की पुष्टि हुई। इसके बाद दोनों की शादी कराने का फैसला लिया गया। सोमवार को गांव के मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ विवाह समारोह आयोजित हुआ। शादी देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई, और माहौल उत्साहपूर्ण रहा।
पूर्व ग्राम प्रधान लखपत पांडेय ने बताया कि दोनों प्रेमी युगल बालिग हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की। वैदिक मंत्रों और शुद्धिकरण के साथ उनका विवाह संपन्न कराया गया। इस दौरान रुखसाना का नाम बदलकर रूबी रखा गया, और उसकी शादी रामप्रवेश मौर्य से हुई। वहीं, जासमीन का नाम चांदनी रखा गया, और उसने सर्वेश मौर्य के साथ सात फेरे लिए। पढ़ुआ थाने के थानाध्यक्ष विवेक कुमार उपाध्याय ने कहा कि धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार शादियां सामान्य प्रक्रिया हैं। अगर कोई विवाद की सूचना मिलती है, तो पुलिस शांति बनाए रखने के लिए तत्पर रहती है।