नई दिल्ली
शायर मिर्जा गालिब की ये पंक्तियां पाकिस्तानी क्रिकेट टीम पर फिट बैठती है. पाकिस्तानी टीम 28 सितंबर (रविवार) को समाप्त हुए एशिया कप 2025 में खेल से ज्यादा दूसरी चीजों को लेकर सुर्खियों में रही. पाकिस्तानी टीम गिरते-पड़ते फाइनल तक तो पहुंची, मगर एक बार फिर भारत के आगे उसे घुटने टेकने पड़े. भारत ने एक बार नहीं… तीन-तीन मौकों पर इस टूर्नामेंट में पड़ोसी मुल्क के होश ठिकाने किए. चाहे युद्ध का मैदान हो या खेल का ग्राउंड, पाकिस्तानी टीम भारत से पराजित होने की आदी हो चुकी है.
पूरे एशिया कप में पाकिस्तानी टीम रोती ही रही. इस टीम ने अपने अभियान की शुरुआत 12 सितंबर को ओमान के खिलाफ मुकाबले से की थी, जिसमें उसने 93 रनों से बड़ी जीत दर्ज की. फिर उसका ग्रुप-ए के अगले मुकाबले में 14 सितंबर को भारतीय टीम से सामना हुआ. इस मुकाबले में पाकिस्तान 7 विकेट से पिट गया था. नो हैंडशेक कंट्रोवर्सी की शुरुआत इसी मैच से हुई. भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस के समय पाकिस्तानी कैप्टन सलमान अली आगा से हाथ नहीं मिलाया. फिर मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने हैंडशेक नहीं किया. वैसे भी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की रूल बुक में यह कहीं नहीं लिखा है कि हैंडशेक करना जरूरी है. खिलाड़ी क्रिकेट एवं दूसरे खेलों में खेल भावना के चलते सिर्फ ऐसा करते हैं.
टीम इंडिया ने भारत फैन्स की भावनाओं को ध्यान में रखकर हैंडशेक नहीं करने का फैसला किया था. हालांकि पाकिस्तानी टीम इससे बौखला गई और उसने उस ग्रुप मुकाबले के बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी का बायकॉट कर दिया. पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा सवालों के जवाब देने मैदान पर नहीं आए क्योंकि प्रश्न पूछने वाला एक भारतीय (संजय मांजरेकर) था. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने नो हैंडशेक कंट्रोवर्सी का सारा दोष जिम्बाब्वे के मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर मढ़ दिया. पीसीबी ने पायक्रॉफ्ट और भारतीय टीम के खिलाफ आईसीसी में शिकायत की. पीसीबी ने आरोप लगाया कि पायक्रॉफ्ट ने ही दोनों टीमों के कप्तानों को टॉस के समय हाथ नहीं मिलाने की सलाह दी थी. बोर्ड की तरफ से पायक्रॉफ्ट को एशिया कप से हटाने की मांग की गई, हालांकि आईसीसी ने पीसीबी की कोई भी डिमांड नहीं मानी.
आईसीसी ने जब पाकिस्तान की नहीं सुनी, तो पीसीबी ने एशिया कप से हट जाने की धमकी दी. पीसीबी की ओर से जोर देकर कहा गया कि एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाया जाए. पीसीबी की अपील फिर से ठुकरा दी गई, जिसके बाद पाकिस्तानी टीम ने यूएई के खिलाफ 17 सितंबर को हुए मुकाबले से पहले अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया. वहीं मुकाबले के दिन होटल छोड़ने से शुरुआत में इनकार कर दिया. पड़ोसी मुल्क की सरेंडर करने की पुरानी आदत रही है. यहां भी वैसा ही देखने को मिला और 70 मिनट में ही पीसीबी का स्टैंड बदल गया.
1 घंटे की देरी से पाकिस्तान और यूएई के बीच वो मुकाबला शुरू हुआ, जिसमें सलमान ब्रिगेड को 41 रनों से जीत मिली. उस जीत के साथ ही पाकिस्तानी टीम सुपर-चार राउंड में पहुंच गई. पाकिस्तान और यूएई के बीच मुकाबले में मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट ही रहे, हालांकि पीसीबी ने ये दलील दी कि पायक्राफ्ट ने माफी मांग ली है, जिसके कारण उसकी टीम मुकाबला खेलने को राजी हुई. पायक्रॉफ्ट ने केवल हाथ मिलाने वाले विवाद पर अफसोस जताया था, लेकिन पीसीबी ने सोशल मीडिया पर एक म्यूट वीडियो डालकर मानो ये दिखाया कि पायक्रॉफ्ट ने आधिकारिक रूप से माफी मांग ली है. सच बात यह थी कि पायक्रॉफ्ट को आईसीसी ने क्लीन चिट दे दी थी.
फिर पाकिस्तानी टीम ने सुपर-चार स्टेज में अपना पहला मुकाबला 21 सितंबर को भारत के खिलाफ खेला. एक बार फिर पाकिस्तानी टीम को भारत के हाथों 6 विकेट से हार झेलनी पड़ी. इस मुकाबले में साहिबजादा फरहान और हारिस रऊफ ने भारतीय टीम और फैन्स को उकसाने की कोशिश की. फरहान ने 'गन सेलिब्रेशन किया, वहीं हारिस ने आपत्तिजनक इशारे किेए और भारतीय खिलाड़ियों संग गाली-गलौज भी की. भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) की ओर से दोनों के खिलाफ शिकायत भी की गई थी.
आईसीसीसी ने हारिस रऊफ पर मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया और साहिबजादा फरहान को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. उधर पीसीबी ने भी 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सूर्यकुमार यादव के बयान को राजनीति से प्रेरित माना और भारतीय कप्तानी की शिकायत की. आईसीसी ने सूर्यकुमार यादव पर भी मैच फीस का 30 प्रतिशत फाइन लगाया, जिसे बीसीसीआई ने चैलेंज किया. भारत के खिलाफ लगातार दूसरी हार के बाद भी पाकिस्तानी टीम की अकड़ कम नहीं हुई. हालांकि वो फाइनल तक पहुंचने में सफल रही. पहले पाकिस्तानी टीम ने श्रीलंका को 5 विकेट से हराया. इसके बाद बांग्लादेश को रोमांचक मुकाबले में 11 रनों से हराकर फाइनल का टिकट कटाया.
फाइनल में पाकिस्तानी टीम का सामना भारत से हुआ. एक बार फिर पड़ोसी मुल्क ने सूर्यकुमार यादव की 'सेना' के आगे घुटने टेक दिए. खिताबी मुकाबले में भी पाकिस्तानी टीम ने ड्रामा किया. टॉस के दौरान वकार यूनुस ने पाकिस्तानी कप्तान से बातचीत की, वहीं रवि शास्त्री ने सूर्यकुमार यादव से प्रश्न किए. टॉस के दौरान दो-दो प्रेजेंटरों के मैदान पर होने से फैन्स हैरान थे.