पंजाब के किसानों के सामने नई चुनौती, बढ़ता खतरा बना चिंता की वजह

पंजाब 
दोआबा क्षेत्र में आलू की फसल के बाद बड़े स्तर पर शीतकालीन मक्की की बिजाई की जाती है। मक्की की फसल जून और जुलाई के महीने में काटी जाती है। इस बार बारिश के कारण मक्की की कटाई और मंडी में मक्की को सुखाने व कटाई का काम काफी प्रभावित हो रहा है, जिससे किसान, व्यापारी और आढ़ती चिंता में डूबे हुए हैं।
 
दोनों क्षेत्रों के प्रसिद्ध आलू उत्पादक किसान तरलोचन सिंह संघा, जवाहर लाल खुंगर, सरपंच मुख्तियार सिंह हीर, अवतार सिंह मल्ही, हरविंदर सिंह सिद्धू, नंबरदार गुरशरण सिंह रसूलपुर कलां, मलकीत सिंह बड़ैच, गुरप्रीत सिंह मुंध, मलकीत सिंह रसूलपुर कलां, हरप्रीतपाल सिंह डिंपल, सुरजीत सिंह टुरना, बलकार सिंह चमडाल, निर्मल सिंह मल्ही और राजा हुंदल ने क्षेत्र में हो रही बारिश पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों द्वारा बेची गई मक्की की फसल मंडियों में सूखने के लिए फैली हुई है, जो बारिश और नमी के कारण खराब होने की संभावना है। आढ़तियों को प्रकृति की मार और दोगुनी मजदूरी का सामना करना पड़ रहा है। दोनों क्षेत्रों के किसानों ने मांग की है कि सरकार क्षतिग्रस्त मक्की की फसल का तुरंत मुआवजा जारी करें। 

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Author: Editor

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