राष्ट्रीय। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अब पारंपरिक कागजी टिकटों को पूरी तरह अलविदा कहने जा रहा है। सितंबर 2025 के अंत तक डीटीसी की टिकट प्रणाली पूर्ण रूप से डिजिटल हो जाएगी। अब यात्रियों को टिकट खरीदने के लिए केवल ई-पीओएस मशीनों या मोबाइल ऐप का उपयोग करना होगा। डीटीसी ने राजघाट-2, कालकाजी और हसनपुर डिपो की लगभग 700 बसों में एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया, जो पूरी तरह सफल रहा।
कैनरा बैंक के साथ मिलकर डीटीसी अब 7,000 से अधिक ई-पीओएस मशीनें खरीद रहा है। अधिकारियों के अनुसार, यह डिजिटल व्यवस्था जल्द ही क्लस्टर बसों में भी लागू होगी। ये नई मशीनें जीपीएस से लैस होंगी, जिससे न केवल टिकटिंग आसान होगी, बल्कि बसों की वास्तविक समय में लोकेशन, भीड़ का स्तर, और बसों के आने-जाने का डेटा भी उपलब्ध होगा। इससे सरकार को बस रूटों को बेहतर बनाने और समयसारिणी को व्यवस्थित करने में सहायता मिलेगी।
महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा (पिंक टिकट) की सुविधा को भी इस प्रणाली से और नियंत्रित किया जाएगा। अभी कई बार कंडक्टर बिना सत्यापन के टिकट जारी कर देते हैं, जिससे सरकार को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। डिजिटल टिकटिंग से इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लगेगी। यात्री अब यूपीआई, ऑनलाइन भुगतान, व्हाट्सएप, वन दिल्ली ऐप, चार्टर ऐप, या टुम्मोक ऐप के जरिए टिकट खरीद सकेंगे।