जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन से हाहाकार, वैष्णो देवी मार्ग पर त्रासदी

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी धाम की ओर जाने वाले मार्ग पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो गया। इस दुखद हादसे में 32 तीर्थयात्रियों की जान चली गई, जबकि लगभग 20 लोग घायल हुए हैं। अर्द्धकुंवारी क्षेत्र के पास हुए इस भूस्खलन ने तीर्थयात्रा मार्ग को बुरी तरह प्रभावित किया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं।

यह भूस्खलन अर्द्धकुंवारी गुफा मंदिर के निकट इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ। त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित इस मार्ग का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया। आशंका जताई जा रही है कि मलबे में अभी भी कई लोग दबे हो सकते हैं। सेना और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में दिन-रात जुटे हैं।

जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा कर दी है। जम्मू में कई ओवरब्रिज ढह गए हैं, बिजली की लाइनें और मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तीन प्रमुख पुलों को नुकसान पहुंचा है। मंगलवार को वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन के बाद तीर्थयात्रा को पूरी तरह रोक दिया गया।

जम्मू संभाग में 11 साल बाद, यानी 2014 के बाद, मंगलवार को फिर से ऐसी प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी। पिछले चार दिनों से लगातार बारिश ने संभाग के सभी जिलों में सामान्य जनजीवन को ठप कर दिया है। भारी नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं। संभाग की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। प्रभावित इलाकों में सैकड़ों लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले चुके हैं।

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग रामबन के पास करीब 12 स्थानों पर भूस्खलन के कारण बंद है। पठानकोट के चक्की पुल पर बाढ़ जैसी स्थिति के चलते जम्मू, उधमपुर और कटड़ा आने वाली 18 ट्रेनें रद्द कर दी गईं। जम्मू से श्रीनगर की दो उड़ानें भी रद्द हुईं। जम्मू में भगवतीनगर के पास तवी नदी पर बना एक पुल का हिस्सा धंस गया, जिससे वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। शहर के तीन अन्य पुलों पर भी दोपहर बाद यातायात को नियंत्रित किया गया। पूरे शहर में भय और अफरातफरी का माहौल है।

दूरसंचार सेवाएं ठप होने से लोग अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे। जम्मू-पठानकोट मार्ग पर बड़े वाहनों का आवागमन बंद है। किश्तवाड़ में चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ने से द्राबशाला के पास रतले पावर प्रोजेक्ट के निकट एक लोहे का पुल बह गया। दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे के निर्माणाधीन पुल को भी नुकसान पहुंचा, कई जगह शटरिंग बह गई। सांबा के विजयपुर में देविका पुल का एक हिस्सा धंसने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया।

कठुआ के बनी और बिलावर में भारी बारिश के कारण रावी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी के किनारे रहने वाले 11 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। यहां पानी का स्तर सवा लाख क्यूसेक तक पहुंच चुका है। उज्ज नदी के उफान से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। चिनाब, सेवा, तरनाह और रावी नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं। सहार खड्ड और मग्गर खड्ड में भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। उधमपुर में तवी नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है।

जम्मू में तवी नदी के उफान से गुज्जरनगर, गोरखानगर, राजीवनगर, निक्की तवी और गोल तवी जैसे इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। रामनगर, चिनैनी, पंचैरी और मजालता में भूस्खलन, पत्थर गिरने और मिट्टी के कटाव के कारण कई लिंक मार्ग बंद हो गए। बाड़ी ब्राह्मणा-परमंडल मार्ग को भी बंद कर दिया गया। सांबा में बसंतर से चींची देवी मंदिर के बीच का मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। भद्रवाह-डोडा मार्ग बंद है, और सानाई भल्ला भद्रवाह में कई सड़कों को नुकसान पहुंचा है।

मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर ने अगले 24 घंटों में जम्मू संभाग में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। संभाग में सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर और विश्वविद्यालय बुधवार को बंद रहेंगे। हाईकोर्ट की 28 अगस्त को होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी गई है। मंडलायुक्त ने गैर-जरूरी कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है, और रात 9 बजे के बाद आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अपनी एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रखने के लिए जल्द से जल्द श्रीनगर से जम्मू पहुंचेंगे।

श्री माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन में श्रद्धालुओं की मृत्यु पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जम्मू संभाग में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। सभी जिलों में आपातकालीन टीमें और जिला प्रशासन युद्धस्तर पर तैनात हैं। उन्होंने लोगों से सुरक्षित रहने, सलाह का पालन करने और सभी जरूरी सावधानियां बरतने की अपील की।

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Author: Office Desk

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