जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के दौरे के दौरान छात्रों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। धनखड़ भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आयोजित एक सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए विश्वविद्यालय पहुंचे थे। इस दौरान जेएनयू छात्र संघ से जुड़े छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया, जिसमें जेएनयू प्रवेश परीक्षा की बहाली, रिसर्च छात्रों को हॉस्टल सुविधा प्रदान करना और एमसीएम फेलोशिप में प्रस्तावित कटौती के विरोध शामिल थे।
प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों ने उपराष्ट्रपति के काफिले को रोकने की कोशिश की, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए निंदा की। प्रशासन ने सुरक्षा शाखा से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है और आगे की कार्रवाई की संभावना जताई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने बयान में कहा कि वे छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह के विघटनकारी व्यवहार की निंदा करते हैं।
उन्होंने दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की प्रशंसा की, जिन्होंने कार्यक्रम के दौरान शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को विश्व शक्ति बनने के लिए अपनी सांस्कृतिक और बौद्धिक परंपराओं को अपनाना होगा। भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन अपने तय कार्यक्रम के अनुसार जारी है, जिसमें दर्शन, विज्ञान और कला के स्वदेशी स्वरूपों पर चर्चा हो रही है।