कबाड़ी बाजार में बड़ा देह व्यापार का धंधा उजागर, पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश। पश्चिम बंगाल और राजस्थान की चार महिलाएं पिछले डेढ़ साल से कबाड़ी बाजार में कोठा चलाकर देह व्यापार का गोरखधंधा कर रही थीं। दलाल ग्राहकों को यहां ला रहे थे, लेकिन ब्रह्मपुरी पुलिस को इसकी कोई खबर नहीं थी। इससे पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने ब्रह्मपुरी थाने के इंचार्ज रमाकांत पचौरी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।

पुलिस ने शुक्रवार को चार कोठा संचालिकाओं समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। कोठों पर मिली दो नाबालिग लड़कियों और 15 अन्य महिलाओं को नारी निकेतन भेजा गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से सात मोबाइल फोन जब्त किए और चार कोठों को सील कर दिया। आशा ज्योति केंद्र ने भी कोठों पर मौजूद महिलाओं और आरोपियों के बयान दर्ज किए हैं।

दिल्ली के मिशन मुक्ति फाउंडेशन के निदेशक वीरेंद्र कुमार सिंह की शिकायत पर गुरुवार को एसएसपी ने ब्रह्मपुरी के सीओ और इंस्पेक्टर को दरकिनार करते हुए सीओ सदर कैंट नवीना शुक्ला के नेतृत्व में 40 सदस्यीय टीम गठित की थी। इस टीम ने कबाड़ी बाजार में छापेमारी कर दो नाबालिग सहित 17 महिलाओं को मुक्त कराया। इन महिलाओं को पैसे का लालच देकर या दबाव बनाकर इस गैरकानूनी धंधे में धकेला गया था। कोठा संचालिकाएं ही इन लड़कियों और महिलाओं को यहां लाती थीं।

शुक्रवार को जांच समिति ने ब्रह्मपुरी थाने की भूमिका पर सवाल उठाए। समिति ने बताया कि डेढ़ साल से कबाड़ी बाजार में देह व्यापार की शिकायतें मिलने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। इसके चलते एसएसपी ने ब्रह्मपुरी थाने के इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश दिए। पूरे दिन पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट जांच में जुटी रही।

एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। चार कोठा संचालिकाओं सहित नौ दलालों और ग्राहकों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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Author: Office Desk

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