दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर को देश की सांस्कृतिक राजधानी बनाने के लिए कई पहल की घोषणा की है। इसके तहत विभिन्न राज्यों की कला, संस्कृति और भाषा को दिल्ली की गलियों तक पहुंचाया जाएगा। छठ पूजा, दुर्गा पूजा, गणेशोत्सव और लोहड़ी जैसे पर्वों को भव्य बनाने के लिए अन्य राज्यों के कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा।
इन पहलों के तहत विभिन्न राज्यों की कला, संस्कृति और भाषा को प्रदर्शित करने के लिए विशेष आयोजन होंगे। महिलाओं की कला प्रदर्शनी, दिल्ली नृत्य-संगीत महोत्सव और भक्ति संगीत उत्सव जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा और विजेता चित्रों को सचिवालय और सरकारी कार्यालयों में प्रदर्शित किया जाएगा।
दिल्ली के बच्चों को अन्य राज्यों की भाषाएं सिखाने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों को अन्य राज्यों की संस्कृति से परिचित कराया जाएगा, जिससे आपसी समझ और भाईचारा बढ़ेगा।
इन पहलों का उद्देश्य दिल्ली को न केवल राजधानी के रूप में बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान के रूप में भी स्थापित करना है। मालचा महल, भूली मटियारी का महल और गालिब हवेली जैसे 75 कम प्रसिद्ध स्मारकों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा और इनके आसपास गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि लोग इन्हें जान सकें और समझ सकें।