उत्तर प्रदेश के झांसी से एक हैरतंगेज मामला सामने आया हैं। यहां जातिवाद के चलते महज 18 घंटो के भीतर शादी टूट गई। आरोप हैं कि दुल्हन पक्ष के लोगो ने जाति छिपाकर शादी की हैं। इसकी जानकारी दूल्हा पक्ष वाले लोगो को हुई तो उन्होंने लड़की को अपनाने से इनकार कर दिया। उसके बाद जब मामला थाने में पहुंचा जहां आपसी रजामंदी के बाद दोनों अलग हो गए।
पूरा मामला रक्सा क्षेत्र के बसाई गांव का हैं। यहां के रहने वाले सगुन अपने 28 वर्षीय बेटे धर्मेंद्र के लिए लंबे समय से शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे थे। इसी दौरान गांव के एक युवक ने बताया कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा कस्बे में एक लड़की है, जिसका भाई उसकी शादी करवाना चाहता है। लड़की के भाई ने खुद को उसी जाति का बताकर शादी के लिए हामी भर दी और विवाह के एवज में 50 हजार रुपये की मांग रखी। सगुन ने विश्वास जताते हुए उसे 20 हजार रुपये एडवांस भी दे दिए। इसके बाद, दोनों ने 27 जून को शादी की तारीख तय कर दी।
विवाह झांसी के प्रसिद्ध बड़ी माता मंदिर कराई गई। पारंपरिक रीति- रिवाजो के साथ सात फेरे लिए गए और वर-वधु ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। विवाह में सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा थे। लेकिन उसी दौरान लड़की के भाई ने शराब के नशे में धुत होकर कुछ ऐसा बोल दिया जिसे सुनकर सब दंग रह गए। सने कहा, हमारी बिरादरी तो अलग है, बस शादी हो जाए बाकी सब देख लेंगे। जब लड़के वालों ने सवाल उठाए तो लड़की का भाई बहस करते हुए वहां से चला गया। शादी में उपस्थित सगुन का परिवार चकित रह गया। परंतु सभी रस्में पूरी हो चुकी थीं। इसलिए वे नवविवाहिता को अपने संग गांव ले आए।
विवाह के बाद जब लड़की को घर लाया गया, तो उसने न खाना खाया और न ही किसी से बात की, जिससे धर्मेंद्र के परिवार को मानसिक रूप से परेशान कर दिया। इसके बाद सगुन राजपूत अपने बेटे और बहू को लेकर रक्सा थाने पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। पुलिस की मध्यस्थता में लड़की के भाई को भी बुलाया गया। थाने में जब दोनों पक्ष आमने-सामने हुए, तो विवाद स्पष्ट हो गया और दोनों पक्षों की सहमति से विवाह को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद लड़की अपने भाई के साथ वापस चली गई।