हरियाणा के 2 जिलों में 15 लाख वाहन होंगे प्रतिबंधित, HSPCB ने लिया सख्त फैसला

चंडीगढ़  हरियाणा के NCR शहरों फरीदाबाद और गुरुग्राम में प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इन दोनों शहरों में ठंड के दिनों में आमतौर पर सबसे खराब वायु गुणवत्ता (AQI) स्तर दर्ज होती है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने 2025-26 के … Read more

आज से स्कूल-कॉलेजो में हाइब्रिड मोड पर चलेंगी कक्षाएं, ग्रैप की पाबंदियों से मिलेगी राहत।

दिल्ली में लगातार प्रदूषण का कहर बरस रहा था। लोग प्रदूषण के साथ साथ धुंध की मार को भी झेल रहे थे। और प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए ग्रैप का चौथा चरण लागू किया गया था। जिसके तहत कई तरह की पाबंदिया लगाई गई थी। जिसमें सबसे पहले सभी कक्षाओं को ऑनलाइन चलाने … Read more

कैसे होती है Acid Rain? क्या यह तेज़ाब की तरह होती है नुक्सान दायक?

बारिश का मौसम किसको नहीं पसंद होता। बारिश में भीगने का अपना ही मज़ा होता है और भीषड़ गर्मी के बीच बारिश का होना काफी सुकून देता है। आपने अपने बड़े बुजुर्गो से ज़रूर सुना होगा की मानसून की पहली बारिश में भीगना नहीं चाहिए वो एसिड रेन यानि अम्लीय बारिश होती हैं.लेकिन क्या आपको पता है कि पहली बारिश को एसिड रेन क्यों कहा जाता है? नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते है।

एसिड रेन मानसून की पहली बारिश में होती है जो अम्लीय होती है। इस बारिश में जीवाश्म से निकलने वाली सल्फर नाइट्रोजन के ऑक्साइड, धुल, कण और वायु प्रदूषण के कण होते है .जिससे एसिड की मात्रा अत्यधिक हो जाती है वायुमंडल की शुद्ध हवा में जब कोई अनावश्यक तत्व आकर मिलता है .तो इससे एसिड रेन होती है ये प्रदूषण कारखानों से निकलने वाला धुआं , रोड़ पर चलने वाली वाहन और यातायात के साधन ,प्लास्टिक और विषैली प्रदार्थ से निकलने वाले धुएं के कारण होता हैं. इसके अलावा भट्टों में कोयला के डलने से भी सल्फर गैस निकलता है. एयर कंडीशन , विद्युत संयंत्र और कई अन्य कारणों से भी सल्फर निकलता है यहीं सल्फर बारिश के पानी को प्रभावित करता है.जिस वजह से एसिड रेन होती है

एसिड रेन से कई चीज़ो पर प्रभाव पड़ता है जैसे की पौधे ,यह पौधों के पत्तों को नुकसान पहुंचा सकती है और उनकी विकास रुकवा सकती है. यह जलवायु पर भी असर डालती है, क्योंकि यह जल की गुणवत्ता को खराब कर सकता है . एसिड रेन नदियों और झीलों में रहने वाले जीवो के जीवन को प्रभावित कर सकती है. एसिड रेन की वजह से ही ताजमहल पर लगा मार्बल पीला पड़ रहा है.इसका मुख्य कारण ताजमहल के आस-पास के क्षेत्रों में लगे बड़े-बड़े कारखानों से निकलने वाली सल्फर के कारण ऐसा होता है. एसिड रेन के कारण खेत की मिट्टी भी अम्लीय हो जाती है जिससे खेतों में इसका बुरा असर पड़ता है. मिट्टी में पाए जाने वाले जीव-जन्तु पर भी इसका बुरा असर पड़ता है इसके साथ -साथ मिट्टी भी प्रदूषित होता है और मिटटी की गुड़वक्ता पर भी इसका असर पड़ता है .

वायु प्रदूषण की निगरानी और शिकायतों का होगा निवारण , आज से राजधानी में 24 घंटे काम करेगा ग्रीन वॉर रूम

  देश की राजधानी दिल्ली में मौसम के बदलाव के साथ बढ़ रहे प्रदूषण स्तर की रोकथाम के लिए मंगलवार से ग्रीन वॉर रूम 24 घंटे सातों दिन काम करेगा। इस कक्ष से वायु प्रदूषण की निगरानी और शिकायतों के निवारण किया जाएगा। आपको बता दे की साल 2020 में लॉन्च किए गए इस कक्ष … Read more