नरेंद्र धवन, नई दिल्ली, 3 सितंबर।
राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ोतरी के बाद खतरे के निशान (205.33 मीटर) से ऊपर 206.8 मीटर तक पहुंच गया है।
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के साथ-साथ हरियाणा स्थित हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है।
दिल्ली के लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने बुधवार को आईटीओ बैराज का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि यमुना इस समय 206.8 मीटर पर बह रही है। उन्होंने साल 2023 की बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय नदी का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंच गया था, जिसके चलते दिल्ली के कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया था। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस बार वैसी स्थिति नहीं बनेगी।
उन्होंने कहा, “दिल्ली की भाजपा सरकार ने समय रहते आवश्यक कदम उठाए हैं। आज शाम से ही जलस्तर में गिरावट शुरू हो जाएगी और लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।”
सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि विस्थापित लोगों को स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सुविधाएँ और अस्थायी आवास लगातार उपलब्ध कराए जाएँ। मंत्री ने कहा कि प्रभावित नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इससे पहले, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के समीप स्थापित बाढ़ राहत शिविर और पुराने लोहे के पुल का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में रह रहे परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याएँ सुनीं और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
फिलहाल स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यमुना किनारे बसे निचले इलाकों में प्रशासन का अमला लगातार गश्त कर रहा है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
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